Class 9 Class 11 Class 12 Competitive & Commerce

📚 अध्याय 1 : वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)

🔹 1. Euclid's Division Lemma (यूक्लिड विभाजन प्रमेय)

किसी भी दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए, हमेशा ऐसे अद्वितीय पूर्णांक q (भागफल) और r (शेषफल) होते हैं कि:

a = bq + r, जहाँ 0 ≤ r < b

उदाहरण:
अगर a = 20 और b = 6, तो:
20 = 6 × 3 + 2
यहाँ q = 3 और r = 2 है।

🔹 2. Euclid's Division Algorithm (यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म)

यह दो संख्याओं का HCF निकालने की प्रक्रिया है:

  1. Euclid's Lemma का प्रयोग करो।
  2. जब तक शेषफल (r) शून्य (0) न आ जाए, तब तक दोबारा प्रक्रिया दोहराओ।
  3. अंतिम गैर-शून्य भाजक (divisor) ही HCF होता है।

उदाहरण:
HCF (56, 72) निकालना है:
72 = 56 × 1 + 16
56 = 16 × 3 + 8
16 = 8 × 2 + 0
तो, HCF = 8

🔹 3. HCF और LCM का संबंध

HCF(a, b) × LCM(a, b) = a × b

उदाहरण:
अगर a = 12 और b = 18,
तो HCF(12,18) = 6 और LCM(12,18) = 36
6 × 36 = 12 × 18
216 = 216 ✔️

🔹 4. सम तथा विषम संख्याएँ

उदाहरण:
n = 3 के लिए,
Even Number = 2 × 3 = 6
Odd Number = 2 × 3 + 1 = 7

🔹 5. अभाज्य संख्या (Prime Numbers)

ऐसी संख्या जो केवल 1 और स्वयं से विभाजित हो सके।

उदाहरण: 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, ...

🔹 6. समग्र संख्या (Composite Numbers)

ऐसी संख्या जो 1 और स्वयं के अलावा अन्य संख्याओं से भी विभाजित हो सके।

उदाहरण: 4 (2×2), 6 (2×3), 8 (2×2×2), 9 (3×3), 10 (2×5)

🔹 7. अभाज्य गुणनखंड (Prime Factorization)

प्रत्येक समग्र संख्या को अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में एकमात्र तरीके से लिखा जा सकता है (क्रम को छोड़कर)।

उदाहरण:
60 = 2 × 2 × 3 × 5

🔹 8. महत्तम समापवर्त्य (HCF) और लघुत्तम समापवर्त्य (LCM)

उदाहरण:
HCF(8, 12) = 4
LCM(8, 12) = 24

🔹 9. वर्गमूल (Square Root) और घनमूल (Cube Root)

उदाहरण:
25 = 5 क्योंकि 5 × 5 = 25
327 = 3 क्योंकि 3 × 3 × 3 = 27

🔹 10. असमाप्य संख्याएँ (Irrational Numbers)

वो संख्याएँ जिन्हें p/q (q ≠ 0) के रूप में नहीं लिखा जा सकता।

उदाहरण: 2, 3, π

🔹 11. अभाज्य संख्याओं का वर्गमूल

किसी भी अभाज्य संख्या का वर्गमूल असमाप्य होता है।

उदाहरण: 2, 3, 5

🔹 12. वास्तविक संख्याओं का वर्गीकरण

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Class 10 Maths Formulas in Hindi


2. बहुपद (Polynomials)

परिभाषा: बहुपद एक गणितीय अभिव्यक्ति है जिसमें चर (variable) और संख्याएँ (constants) होती हैं, तथा चर के घात (powers) पूर्णांक (whole numbers) होते हैं।

सामान्य रूप (General Form):

p(x) = anxn + an-1xn-1 + ... + a2x2 + a1x + a0
जहाँ,
- an, an-1, ..., a0 = वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
- x = चर (variable)
- n = बहुपद का घात (Degree)

घात (Degree) क्या है?

किसी बहुपद में चर (x) का सबसे बड़ा घात (power) उस बहुपद का "घात" कहलाता है।

उदाहरण: 3x4 + 5x3 + 2x2 + 7 का घात = 4

बहुपद के प्रकार (Types of Polynomials):

महत्वपूर्ण सूत्र (Important Formulae):

बहुपद का गुणनखंड करना (Factoring Polynomials):

बहुपद को छोटे-छोटे बहुपदों के गुणनफल के रूप में तोड़ना "गुणनखंड" कहलाता है।

उदाहरण:
x2 - 9 = (x + 3)(x - 3)

बहुपद के शून्य (Zeros of Polynomial):

जब किसी बहुपद p(x) के लिए p(α) = 0 होता है, तब α उस बहुपद का शून्य कहलाता है।

उदाहरण:
यदि p(x) = x - 5
तो p(5) = 0 ⇒ 5 इस बहुपद का शून्य है।

Example 1:

प्रश्न: (3x + 4)2 का विस्तार करें।

हल:

Example 2:

प्रश्न: (x + 5)(x - 3) का विस्तार करें।

हल:

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3. दो चर वाले रैखिक समीकरण (Linear Equations in Two Variables)

परिभाषा:

दो चर वाले रैखिक समीकरण वे समीकरण होते हैं जिनमें दो चर (variables) होते हैं, और दोनों का अधिकतम घात (degree) 1 होता है। इस प्रकार के समीकरणों का रूप हमेशा इस प्रकार होता है:

सामान्य रूप: ax + by + c = 0

विशेषताएँ (Properties):

समीकरण को हल करने के तरीके:

दो रैखिक समीकरणों के साथ दिए गए समस्या को हल करने के तीन मुख्य तरीके होते हैं:

महत्वपूर्ण सूत्र:

दो रैखिक समीकरणों के लिए हल की स्थिति इस प्रकार होती है:

उदाहरण (Example):

Example 1: प्रतिस्थापन विधि से हल करें

प्रश्न: 2x + 3y = 12 और x - y = 1 को हल करें।

उत्तर: (x, y) = (3, 2)

Example 2: विलोपन विधि से हल करें

प्रश्न: 3x + 4y = 10 और 2x - 2y = 2 को हल करें।

उत्तर: (x, y) = (2, 1)

Example 3: ग्राफ विधि से हल का विचार

प्रश्न: x + y = 5 और x - y = 1 का ग्राफ खींचिए और हल ज्ञात करें।

समीकरणों के हलों का उपयोग (Applications of Solutions):

दो चर वाले रैखिक समीकरणों के हलों का उपयोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं में किया जाता है, जैसे:

समाधान के लिए कुछ विशेष स्थितियाँ:

जैसा कि पहले बताया गया है, दो रैखिक समीकरणों के हल में तीन स्थितियाँ हो सकती हैं:

उदाहरण (Example 1): कार्य की समस्याएँ:

प्रश्न: दो व्यक्ति एक साथ एक काम करते हैं। पहला व्यक्ति अकेला 6 दिन में काम पूरा करता है, जबकि दूसरा व्यक्ति अकेला 9 दिन में काम पूरा करता है। यदि वे दोनों मिलकर काम करें, तो उन्हें काम पूरा करने में कितने दिन लगेंगे?

हल:

उदाहरण (Example 2): वस्तु की कीमतें:

प्रश्न: एक पुस्तक और एक पेन मिलाकर ₹45 की कीमत आती है। यदि पुस्तक की कीमत पेन की कीमत से ₹15 अधिक हो, तो पुस्तक और पेन की कीमतें बताइए।

हल:

समय और दूरी की समस्याएँ:

समय और दूरी से संबंधित समस्याएँ भी दो चर वाले रैखिक समीकरणों के द्वारा हल की जाती हैं। उदाहरण के लिए:

हल:

समीकरण का ग्राफ (Graph of Linear Equations):

किसी भी दो चर वाले रैखिक समीकरण का ग्राफ एक सीधी रेखा होती है। दो समीकरणों के ग्राफ को खींचकर उनके प्रतिच्छेदन बिंदु से हल प्राप्त किया जा सकता है।

Example: ग्राफ द्वारा हल:

2x + 3y = 6

निष्कर्ष (Conclusion):

दो चर वाले रैखिक समीकरणों का हल न केवल गणित में बल्कि जीवन की वास्तविक समस्याओं में भी उपयोगी है। इसके द्वारा हम विभिन्न प्रकार के सवालों को सरलता से हल कर सकते हैं, जैसे आर्थिक समस्याएँ, कार्य से संबंधित समस्याएँ, वस्तुओं की कीमतें, और समय-दूरी की समस्याएँ।



4. द्विघात समीकरण (Quadratic Equations)

परिभाषा (Definition):

द्विघात समीकरण वह समीकरण होते हैं जिनमें चर का गुणांक (coefficient) x² के रूप में होता है। इसे सामान्य रूप में इस प्रकार लिखा जाता है:

ax2 + bx + c = 0, जहाँ a ≠ 0, और b तथा c किसी भी वास्तविक संख्या हो सकते हैं।

यहाँ:

द्विघात समीकरण के प्रकार (Types of Quadratic Equations):

द्विघात समीकरणों के समाधान के लिए विभिन्न विधियाँ होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

द्विघात समीकरण का सूत्र (Quadratic Formula):

द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 का सामान्य हल निम्नलिखित सूत्र से प्राप्त किया जा सकता है:

x = -b ± b2 - 4ac 2a

यहाँ:

उदाहरण (Example 1):

प्रश्न: समीकरण x2−5x+6=0 का हल करें।

हल:

यह समीकरण है:

x2 - 5x + 6 = 0

उदाहरण (Example 2):

प्रश्न: समीकरण 2x2 + 3x - 2 = 0 का हल करें।

हल:

यह समीकरण है:

2x2 + 3x - 2 = 0

द्विघात समीकरण के ग्राफ (Graph of Quadratic Equation):

द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 का ग्राफ एक परबोला (parabola) होता है। यह रेखा x-अक्ष के ऊपर या नीचे हो सकती है, और यह रेखा x-अक्ष को एक बिंदु पर या दो बिंदुओं पर काटती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

द्विघात समीकरणों के समाधान के विभिन्न तरीके हैं और ये जीवन की कई समस्याओं में उपयोगी होते हैं। ग्राफ़ द्वारा भी इन समीकरणों को समझना और हल करना आसान होता है। द्विघात समीकरणों का उपयोग कार्यों, वित्तीय गणनाओं, भौतिकी, और कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।

📚 **अंत में:** इस विषय को अच्छे से समझकर आप किसी भी द्विघात समीकरण को हल कर पाएंगे!



5. अंकगणितीय प्रगति (Arithmetic Progression - AP)

परिभाषा:

जब किसी अनुक्रम में लगातार दो पदों का अंतर (Common Difference - d) समान हो, तो उसे अंकगणितीय प्रगति (AP) कहते हैं।

महत्त्वपूर्ण घटक:

सभी जरूरी सूत्र (All Important Formulas):

1. nवें पद (nth term) का सूत्र:

Formula: an = a + (n - 1)d

2. प्रथम n पदों का योग (Sum of first n terms):

Formula: Sn = n2[2a + (n - 1)d]

3. अंतिम पद दिया हो तब योग का सूत्र:

Formula: Sn = n2(a + l)

4. पदों की संख्या निकालने का सूत्र (When a, l, d Given):

Formula: n = (l - a)d + 1

5. समान्तर अंतर (Common Difference) निकालने का सूत्र:

Formula: d = an - an-1

6. यदि दो पदों का क्रम और मान दिया हो तो d निकालने का तरीका:

Formula: d = (am - an)(m - n)

अब आइए हर फॉर्मूला को उदाहरण से समझें:

उदाहरण 1: nth term का उपयोग

प्रश्न: एक AP में a = 7, d = 3 है। 12वाँ पद ज्ञात करो।

उत्तर: 12वाँ पद = 40

उदाहरण 2: Sn निकालना (2a + (n-1)d वाला फार्मूला)

प्रश्न: एक AP में a = 2, d = 4 है। पहले 5 पदों का योग निकालिए।

उत्तर: पहले 5 पदों का योग = 50

उदाहरण 3: अंतिम पद दिया हो तो योग निकालना

प्रश्न: एक AP में पहला पद 3 है, अंतिम पद 23 है, और कुल 11 पद हैं। योग निकालो।

उत्तर: S11 = 143

उदाहरण 4: पदों की संख्या निकालना

प्रश्न: एक AP का पहला पद 7 है, d = 5 है। यदि अंतिम पद 47 है, तो कितने पद हैं?

उत्तर: कुल 9 पद हैं।

---

मध्य पद (Middle Term) निकालने का तरीका:

यदि किसी AP में पदों की कुल संख्या विषम (Odd) हो, तो मध्य पद (Middle Term) इस प्रकार निकाला जाता है:

Formula:

Middle Term: a(n+1)/2 = a + (n-1)2 × d

उदाहरण:

प्रश्न: एक AP में प्रथम पद 5 है, d = 3 है, और कुल 9 पद हैं। मध्य पद ज्ञात करो।

उत्तर: मध्य पद = 17


दो पदों के बीच के योग का तरीका:

यदि AP में mवें पद से nवें पद तक का योग निकालना हो (जहाँ m < n), तो:

Formula:

Sum (S) = Sn - Sm-1

उदाहरण:

प्रश्न: एक AP का पहला पद 3 और d = 2 है। 3वें पद से 7वें पद तक का योग ज्ञात कीजिए।

उत्तर: 3वें से 7वें पद तक का योग = 55


यदि AP के कुछ पदों का योग और पदों की संख्या दी हो, तो पहला पद और सामान्य अंतर ज्ञात करने का तरीका:

उदाहरण:

प्रश्न: किसी AP के पहले 5 पदों का योग 40 है और पहले 10 पदों का योग 125 है। प्रथम पद और सामान्य अंतर ज्ञात करें।

पहली सूचना:

दूसरी सूचना:

(i) और (ii) को हल करें:

अब d को (i) में रखें:

उत्तर: पहला पद a = 22/5 और सामान्य अंतर d = 9/5

दो AP का समान पद (Common Term) निकालना:

कभी-कभी दो AP दी जाती हैं और पूछा जाता है कि उनमें कौन-सा पद समान है।

उदाहरण:

प्रश्न: एक AP है 3, 7, 11, 15,... और दूसरी AP है 1, 10, 19, 28,...। इन दोनों में पहला समान पद ज्ञात करें।

दोनों को बराबर कर दो:

इस प्रकार से n और m का वह मान निकालना होता है, जिससे दोनों बराबर हों। थोड़ी कोशिश से मिलेगा कि n = 5 और m = 2।

अब पहला समान पद = 4×5 -1 = 19

उत्तर: पहला समान पद = 19


AP का व्यावहारिक उपयोग:

AP का उपयोग वास्तविक जीवन में भी होता है, जैसे - वेतन वृद्धि, समय का अंतराल, दूरी आदि में।

उदाहरण:

प्रश्न: किसी कर्मचारी का प्रारंभिक वेतन ₹15,000 है, और हर साल ₹2,000 की वृद्धि होती है। 5 साल बाद कुल कितना वेतन होगा?

उत्तर: 5 साल में कुल वेतन ₹95,000 होगा।


AP में किसी पद का स्थान बदलने पर सवाल:

यदि AP का कोई पद आगे-पीछे किया जाए, तो उससे सवाल बनाए जाते हैं।

उदाहरण:

प्रश्न: किसी AP के तीसरे पद को प्रथम स्थान पर कर दिया जाए, तो नया सामान्य अंतर (Common Difference) क्या होगा?

मान लीजिए मूल AP का पहला पद a है और सामान्य अंतर d है।

अब नए दूसरे पद होगा मूल चौथा पद: a + 3d

तो नया सामान्य अंतर = नया दूसरा पद - नया पहला पद

उत्तर: सामान्य अंतर d ही रहेगा।

---

निष्कर्ष:

➔ यदि AP के सवालों को ध्यान से पढ़ा जाए और फार्मूला सही लगाया जाए, तो मुश्किल सवाल भी बहुत आसान बन सकते हैं। ➔ हमेशा ध्यान रखें: पहला पद (a), सामान्य अंतर (d), पदों की संख्या (n) और योग (S) सबसे महत्वपूर्ण कड़ियाँ हैं।

Intermediate और Complex Problems में AP की गहरी समझ जरूरी होती है। सही फार्मूले और थोड़ा ध्यान देने से हर सवाल हल किया जा सकता है।



6. त्रिकोणमिति (Trigonometry)

Opposite Side = लम्ब

Hypotenuse = कर्ण

Adjacent Side = आधार

(कर्ण)2 (लम्ब)2 + (आधार)2
(लम्ब)2 (कर्ण)2 - (आधार)2
(आधार)2 (कर्ण)2 - (लम्ब)2
sin θ लम्बकर्ण
cos θ आधारकर्ण
tan θ लम्बआधार
cosec θ कर्णलम्ब ,  1Sin
sec θ कर्णआधार ,  1cos
cot θ आधारलम्ब ,  1tan


Reciprocal Identities:

cosec θ 1sin θ
sec θ 1cos θ
cot θ 1tan θ


Quotient Identities:

tan θ sin θcos θ
cot θ cos θsin θ

त्रिकोणमिति (Trigonometry)



त्रिकोणमिति सारणी (Trigonometric Chart):-

Angle (θ) 30° 45° 60° 90°
Sine (sin θ) 0 12 12 32 1
Cosine (cos θ) 1 32 12 12 0
Tangent (tan θ) 0 13 1 3
Cotangent (cot θ) 3 1 13 0
Secant (sec θ) 1 23 2 2
Cosecant (csc θ) 2 2 23 1



Pythagorean Identities:

sin2 θ + cos2 θ 1
sec2 θ - tan2 θ 1
cosec2 θ - cot2 θ 1



Even-Odd Identities:

sin(-θ) -sin(θ)
cos(-θ) cos(θ)
tan(-θ) -tan(θ)
csc(-θ) -csc(θ)
sec(-θ) sec(θ)
cot(-θ) -cot(θ)



Co - Ratio

Angle sin cos tan cot sec csc
90 - θ cos(θ) sin(θ) cot(θ) tan(θ) csc(θ) sec(θ)
90 + θ cos(θ) -sin(θ) -cot(θ) -tan(θ) -csc(θ) sec(θ)
180 - θ sin(θ) -cos(θ) -tan(θ) -cot(θ) -sec(θ) csc(θ)
180 + θ -sin(θ) -cos(θ) tan(θ) cot(θ) -sec(θ) -csc(θ)

त्रिकोणमिति के अतिरिक्त महत्वपूर्ण सूत्र (Extra Important Formulas)

1. त्रिभुज से त्रिकोणमितीय मान ज्ञात करना (Using Right Triangle)

किसी भी समकोण त्रिभुज (Right Angled Triangle) में:

तो पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार:

त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios):

उदाहरण:

---

2. ऊँचाई और दूरी (Heights and Distances)

इस टॉपिक में Practical जीवन के प्रश्न हल किए जाते हैं, जैसे:

महत्वपूर्ण संबंध:

उदाहरण:

---

3. कोण का उन्नयन और अवनमन (Angle of Elevation and Depression)

Angle of Elevation (उन्नयन कोण): जब हम क्षैतिज रेखा से ऊपर किसी वस्तु को देखते हैं तो बनने वाला कोण।

Angle of Depression (अवनमन कोण): जब हम क्षैतिज रेखा से नीचे किसी वस्तु को देखते हैं तो बनने वाला कोण।

महत्वपूर्ण बात: अक्सर उन्नयन और अवनमन दोनों सवालों में समान Triangle Concept काम करता है।

---

4. शब्द समस्याएँ (Word Problems Based on Trigonometry)

कुछ मुख्य संकेत जिनसे सवाल त्रिकोणमिति से जुड़ा पता चलता है:

सवाल हल करते समय ध्यान दें:

उदाहरण:

त्रिकोणमिति में त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios)

1. Sin, Cos, Tan के उपयोग के बारे में समझना

Trigonometry में, हम विशेष रूप से Right-Angled Triangles में तीन मुख्य अनुपातों का उपयोग करते हैं:

इन त्रिकोणमितीय अनुपातों का उपयोग कोण के आधार पर किया जाता है। नीचे बताया गया है कि कौन सा अनुपात कब और कैसे उपयोग करें:

2. कब sin का उपयोग करें?

उदाहरण:

3. कब cos का उपयोग करें?

उदाहरण:

4. कब tan का उपयोग करें?

उदाहरण:

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5. Trigonometric Functions का सही चुनाव

अगर हम कोण θ के बारे में बात करें तो:

6. यथासंभव अधिक त्रिकोणमितीय अनुपातों का प्रयोग करें



वृत्त (Circle)

वृत्त एक तल के उन बिन्दुओं का समूह होता है जो एक नियत बिंदु से अचर दूरी पर होते हैं। नियत बिंदु, वृत्त का केंद्र (Center) कहलाता है और अचर दूरी वृत्त की त्रिज्या (Radius) कहलाती है।

Center Radius

जीवा (Chord)

वृत्त पर के दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखाखंड को जीवा कहते हैं। जीवा हमेशा वृत्त के अंदर स्थित रहती है और यह वृत्त के दो बिन्दुओं को जोड़ने वाली रेखा होती है।

P1 P2 Chord Center
कुछ महत्वपूर्ण बातें:

जीवा हमेशा वृत्त के अंदर होती है और यह केंद्र से नहीं गुजरती है, लेकिन यदि यह केंद्र से गुजरती है तो इसे व्यास (Diameter) कहा जाता है।

किसी वृत्त पर अनगिनत जीवा खींची जा सकती हैं, बशर्ते कि वह वृत्त के दो बिन्दुओं को जोड़ें।

नोट:

वृत्त ( Circle )

परिभाषा :

वृत्त एक ऐसा आकृति है जिसमें सभी बिंदु एक निश्चित बिंदु (केंद्र) से समान दूरी पर स्थित होते हैं। इस निश्चित दूरी को त्रिज्या (Radius) कहते हैं।

मुख्य घटक :

1. केंद्र (Center) :

वृत्त के बीच का वह स्थिर बिंदु जहाँ से सभी बिंदु समान दूरी पर होते हैं।

2. त्रिज्या (Radius) :

केंद्र से वृत्त की सीमा तक खींची गई रेखा को त्रिज्या कहते हैं।

3. व्यास (Diameter) :

वृत्त की वह सबसे लंबी जीवा जो केंद्र से होकर गुजरती है। व्यास दो त्रिज्या के बराबर होता है।

सूत्र: व्यास (d) = 2 × त्रिज्या (r)

4. परिघ (Circumference) :

वृत्त की पूरी सीमा को परिघ कहते हैं।

सूत्र: परिघ (C) = 2πr

5. क्षेत्रफल (Area) :

वृत्त के भीतर का सम्पूर्ण क्षेत्र क्षेत्रफल कहलाता है।

सूत्र: क्षेत्रफल (A) = πr²

जरूरी बातें :

वृत्त से जुड़े मुख्य सूत्र (Circle Important Formulas) :

1. व्यास का सूत्र :

d = 2 × r

2. परिघ का सूत्र :

C = 2 × π × r

3. क्षेत्रफल का सूत्र :

A = π × r²

4. त्रिज्या का सूत्र यदि व्यास दिया हो :

r = d2

5. त्रिज्या का सूत्र यदि परिघ दिया हो :

r = C

6. त्रिज्या का सूत्र यदि क्षेत्रफल दिया हो :

r = A/π

नोट :

प्रश्न:

सिद्ध कीजिए कि दो संकेन्द्रीय वृत्तों में बड़े वृत्त की वह जीवा जो छोटे वृत्त को स्पर्श करती है, स्पर्श बिंदु पर सममिभाजित होती है।

A B P O C₁ C₂
आकृति 10.1

हल:

मान लीजिए दो संकेन्द्रीय वृत्त हैं, जिनका केंद्र O है। बड़े वृत्त को C₁ और छोटे वृत्त को C₂ कहते हैं।

बड़े वृत्त में एक जीवा AB है, जो छोटे वृत्त को P बिंदु पर स्पर्श करती है।

केंद्र O को P से मिलाइए, यानी रेखा OP खींचते हैं।

इसलिए, AP = PB

अतः सिद्ध हुआ कि बड़े वृत्त की जीवा, जो छोटे वृत्त को स्पर्श करती है, स्पर्श बिंदु पर सममिभाजित होती है। ✅


उदाहरण 2:

प्रश्न:

केंद्र O वाले वृत्त पर बाह्य बिंदु T से दो स्पर्श रेखाएँ TP तथा TQ खींची गई हैं। सिद्ध कीजिए कि:

∠PTQ = 2∠OPQ

T P Q O θ ∠OPQ
आकृति 10.2

हल:

एक वृत्त दिया गया है जिसका केंद्र O है और बाहरी बिंदु T से दो स्पर्श रेखाएँ TP और TQ खींची गई हैं।

स्पर्श रेखाओं की विशेषता से TP = TQ होगा, इसलिए त्रिभुज TPQ समद्विबाहु त्रिभुज है।

मान लीजिए, ∠PTQ = θ

अब त्रिभुज OPQ में:

∠OPQ = 90° - ∠TPQ

तो,

∠OPQ = 90° - (180° - θ)/2

साधारणीकरण करने पर:

∠OPQ = θ/2

अतः, θ = 2 × ∠OPQ। ✅



अध्याय 8: रचनाएँ — निर्माण के फ़ॉर्मूले और स्टेप्स

1. रेखा खंड का समद्विभाजन (Bisecting a Line Segment)

सिद्धांत: किसी रेखा खंड को दो समान भागों में विभाजित करने के लिए उसकी मध्य बिंदु रेखीय रचना द्वारा प्राप्त की जाती है।

फ़ॉर्मूला:

M = ( Ax + Bx2 , Ay + By2 )

निर्माण की विधि:

A B M
  1. दी गई रेखा खंड AB पर A और B दोनों से एक ही त्रिज्या r (जहाँ r > AB/2) की दो चाप खींचें।
  2. दोनों चाप का पृथक्क्ष Intersection बिंदु C और D चिन्हित करें।
  3. रेखा CD खींचें; यह AB को मध्य बिंदु M पर छेदती है।
  4. अतः AM = MB

2. कोण का द्विभाजन (Angle Bisector)

सिद्धांत: किसी कोण को दो बराबर कोणों में विभाजित करने के लिए कोण की भुजाओं से समान त्रिज्या की चाप खींचकर मध्य रेखा निर्धारित की जाती है।

फ़ॉर्मूला:

AB BC = AD DC   जहाँ D बिसेक्टर पर है।

निर्माण की विधि:

X Y Bisector O
  1. दीए गए कोण ∠XOY के दोनों भुजाओं OX और OY से एक समान त्रिज्या r की चाप खींचें, जो भुजाओं को क्रमशः A और B पर काटे।
  2. पुणः, केंद्र A और B से एक छोटी त्रिज्या s (जहाँ s < AB) की दो चाप खींचें, जो द्वितीय चाप में एक दूसरे को C पर काटें।
  3. रेखा OC खींचें; यह कोण को दो समान भागों में विभाजित करता है।
  4. अतः ∠XOC = ∠COY

3. कोण की नकल (Copying an Angle)

सिद्धांत: एक कोण की माप दूसरी जगह उसी भुजाओं के बीच स्थानांतरित करने के लिए मापदण्ड और चाप विधि का प्रयोग होता है।

फ़ॉर्मूला:

∠PQR = ∠RSD

निर्माण की विधि:

P Q R S D
  1. प्रथम कोण ∠PQR पर केंद्र Q से एक त्रिज्या r की चाप खींचें, जो भुजाओं को A और B पर काटे।
  2. दूसरे स्थान पर एक रेखा खींचकर उस पर किसी बिंदु S से वही त्रिज्या r की चाप बनाएं, जो दूसरी भुजा को D पर काटे।
  3. प्रथम चाप AB के बीच के पाइंट्स A, B के मध्य दूरी को मापकर, केंद्र D पर वही दूरी की दूसरी चाप खींचकर उसका Intersection E प्राप्त करें।
  4. रेखा SE खींचें; यह ∠PQR की नकल ∠RSD बनाएगा।

4. त्रिभुज का निर्माण (Triangle Construction)

(a) SSS विधि (Three Sides Known)

a) SSS (Three Sides Known):

AB = a,  BC = b,  CA = c  ⇒  △ABC

दिए हुए: भुजाएँ a, b, c

निर्माण की विधि:

A B C
  1. रेखा खंड BC की लंबाई a खींचें।
  2. बिंदु B और C से क्रमशः त्रिज्या c और b की चाप खींचें।
  3. दो चाप का Intersection A निर्धारित करें।
  4. त्रिभुज ABC तैयार।

(b) SAS विधि (Two Sides & Included Angle Known)

AB = a,  ∠ABC = θ,  BC = b  ⇒  △ABC

दिए गए: भुजाएँ b, c और बीच का कोण θ

निर्माण की विधि:

  1. रैखिक पेंसिल से कोण θ रेखांकित करें।
  2. कोण के दोनों भुजाओं पर क्रमशः त्रिज्या c और b की चाप खींचें।
  3. चाप में Intersection A जोड़े।
  4. त्रिभुज ABC तैयार।

(c) ASA विधि (Two Angles & One Side Known)

∠ABC = α,  ∠ACB = β,  AC = c  ⇒  △ABC

दिए गए: कोण α, β और शामिल भुजा c

निर्माण की विधि:

  1. रेखा खंड AB को लंबाई c के साथ खींचें।
  2. बिंदु A पर कोण α और बिंदु B पर कोण β रेखांकित करें।
  3. दोनों चाप का Intersection C जोड़े।
  4. त्रिभुज ABC तैयार।

5. समरूप त्रिभुज का निर्माण (Construction of Similar Triangle)

सिद्धांत: दिए गए त्रिभुज के समरूप त्रिभुज के लिए समान अनुपातिक भुजाओं का उपयोग करते हैं।

ABA'B' = BCB'C' = CAC'A' = k जहाँ k अनुपात है।

निर्माण की विधि:

A B C A' B' C'
  1. मूल त्रिभुज ABC पर भुजाएँ a, b, c हैं। अनुपात k पर नया त्रिभुज निर्माण करना है।
  2. रेखा खंड A'B' लंबाई ka खींचें।
  3. बिंदु A' और B' से क्रमशः त्रिज्या kb और kc की चाप खींचें।
  4. चाप का Intersection C' प्राप्त करें।
  5. त्रिभुज A'B'C' मूल त्रिभुज का समानुपाती (समरूप) होगा।

6. वृत्त पर स्पर्श रेखा (Tangent at a Point on a Circle)

सिद्धांत: वृत्त के स्पर्श बिंदु पर त्रिज्या और स्पर्श रेखा एक-दूसरे के लंबवत होते हैं।

OT ⊥ PT जहाँ O केंद्र और T स्पर्श बिंदु है।

निर्माण की विधि:

O P
  1. वृत्त का केंद्र O और स्पर्श बिंदु P निर्दिष्ट करें।
  2. रेखा OP खींचें।
  3. बिंदु P पर OP के लंबवत रेखा खींचें; यह स्पर्श रेखा होगी।

7. बाह्य बिंदु से वृत्त की स्पर्श रेखाएँ (Tangents from an External Point)

सिद्धांत: बाह्य बिंदु से केंद्र तक रेखा खींचकर त्रिज्या की मध्य बिन्दु पर वृत्त बनाकर स्पर्श रेखा की रेखांकन विधि।

TP = TQ जहाँ T बाह्य बिंदु है।

निर्माण की विधि:

T P Q
  1. बाह्य बिंदु T और वृत्त केंद्र O, त्रिज्या r निर्दिष्ट करें।
  2. रेखा OT खींचें और उसका मध्य बिंदु M निर्धारित करें।
  3. मध्य बिंदु M को केंद्र मानकर त्रिज्या MO की वृत्त रेखांकित करें।
  4. यह वृत्त दिए गए वृत्त को दो बिंदुओं P और Q पर काटेगा।
  5. रेखा TP और TQ खींचें; ये स्पर्श रेखाएँ हैं।

अध्याय: वृत्त से संबंधित क्षेत्रफल — फॉर्मूले, उदाहरण और चित्र

1. वृत्त का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = π × r²
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 7 सेमी हो, तो
क्षेत्रफल = 3.14 × 7 × 7 = 153.86 वर्ग सेमी।
r

2. वृत्त की परिधि

परिधि = 2 × π × r
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 5 सेमी हो,
परिधि = 2 × 3.14 × 5 = 31.4 सेमी।
परिधि

3. अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = (1/2) × π × r²
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 6 सेमी हो,
अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = (1/2) × 3.14 × 6 × 6 = 56.52 वर्ग सेमी।

4. चतुर्थांश वृत्त का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = (1/4) × π × r²
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 8 सेमी हो,
चतुर्थांश क्षेत्रफल = (1/4) × 3.14 × 8 × 8 = 50.24 वर्ग सेमी।

5. वृतखंड (Sector) का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = (θ/360) × π × r²
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 10 सेमी और कोण (θ) = 90° हो,
क्षेत्रफल = (90/360) × 3.14 × 10 × 10 = 78.5 वर्ग सेमी।

6. वृतखंड की चाप की लंबाई

चाप की लंबाई = (θ/360) × 2 × π × r
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 14 सेमी और कोण (θ) = 60° हो,
चाप की लंबाई = (60/360) × 2 × 3.14 × 14 = 14.62 सेमी।

7. वृत्त खंड (Segment) का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = वृतखंड का क्षेत्रफल − त्रिभुज का क्षेत्रफल
उदाहरण: यदि त्रिज्या (r) = 7 सेमी और कोण (θ) = 90° हो,
क्षेत्रफल = (1/4) × 3.14 × 7 × 7 − (1/2 × 7 × 7) = 38.465 − 24.5 = 13.965 वर्ग सेमी।

8. दो समकेंद्रीय वृत्तों के बीच का क्षेत्रफल

क्षेत्रफल = π × (R² − r²)
उदाहरण: यदि बड़े वृत्त की त्रिज्या (R) = 10 सेमी और छोटे वृत्त की त्रिज्या (r) = 6 सेमी हो,
क्षेत्रफल = 3.14 × (100 − 36) = 3.14 × 64 = 200.96 वर्ग सेमी।


पृष्ठ क्षेत्रफल और आयतन — फॉर्मूले, उदाहरण और चित्र

1. घन (Cube)

पृष्ठ क्षेत्रफल = 6a²
आयतन = a³
उदाहरण: यदि
  • भुजा (a) = 4 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 6 × 4²
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 6 × 16
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 96 वर्ग सेमी
  • आयतन = 4³
  • ⇒ आयतन = 64 घन सेमी

2. घनाभ (Cuboid)

पृष्ठ क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
आयतन = l × b × h
उदाहरण: यदि
  • लंबाई (l) = 5 सेमी
  • चौड़ाई (b) = 3 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 2 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × (5×3 + 3×2 + 2×5)
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × (15 + 6 + 10)
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × 31
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 62 वर्ग सेमी
  • आयतन = 5 × 3 × 2
  • ⇒ आयतन = 30 घन सेमी

3. गोला (Sphere)

पृष्ठ क्षेत्रफल = 4πr²
आयतन = (4/3)πr³
उदाहरण: यदि
  • त्रिज्या (r) = 7 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 4 × 3.14 × 7 × 7
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 4 × 3.14 × 49
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 615.44 वर्ग सेमी
  • आयतन = (4/3) × 3.14 × 7³
  • ⇒ आयतन = (4/3) × 3.14 × 343
  • ⇒ आयतन = 1436.03 घन सेमी

4. अर्द्धगोला (Hemisphere)

पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 3πr²
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल = 2πr²
आयतन = (2/3)πr³
उदाहरण: यदि
  • त्रिज्या (r) = 6 सेमी
  • पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 3 × 3.14 × 6²
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 3 × 3.14 × 36
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 339.12 वर्ग सेमी
  • आयतन = (2/3) × 3.14 × 6³
  • ⇒ आयतन = (2/3) × 3.14 × 216
  • ⇒ आयतन = 452.16 घन सेमी

5. शंकु (Cone)

पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = πr(l + r)
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल = πrl
आयतन = (1/3)πr²h
उदाहरण: यदि
  • त्रिज्या (r) = 3 सेमी
  • लंबाई (l) = 5 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 4 सेमी
  • पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 3.14 × 3(5 + 3)
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 3.14 × 3 × 8
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 75.36 वर्ग सेमी
  • आयतन = (1/3) × 3.14 × 3² × 4
  • ⇒ आयतन = (1/3) × 3.14 × 9 × 4
  • ⇒ आयतन = 37.68 घन सेमी

6. बेलन (Cylinder)

पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 2πr(h + r)
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल = 2πrh
आयतन = πr²h
उदाहरण: यदि
  • त्रिज्या (r) = 5 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 10 सेमी
  • पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × 3.14 × 5(10 + 5)
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × 3.14 × 5 × 15
  • ⇒ पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल = 471 वर्ग सेमी
  • आयतन = 3.14 × 5² × 10
  • ⇒ आयतन = 3.14 × 25 × 10
  • ⇒ आयतन = 785 घन सेमी

7. त्रिभुजाकार प्रिज्म (Triangular Prism)

पृष्ठ क्षेत्रफल = (bh) + (Pl)
आयतन = (1/2) × b × h × L
उदाहरण: यदि
  • आधार की लंबाई (b) = 4 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 3 सेमी
  • प्रिज्म की लंबाई (L) = 10 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = (4 × 3) + (Perimeter × 10)
  • मान लो त्रिभुज समद्विबाहु है, तो Perimeter = 4 + 5 + 5 = 14 सेमी
  • ⇒ पृष्ठ क्षेत्रफल = 12 + (14 × 10)
  • = 12 + 140
  • = 152 वर्ग सेमी
  • आयतन = (1/2) × 4 × 3 × 10
  • = 2 × 3 × 10
  • = 6 × 10
  • = 60 घन सेमी

8. वर्गीय पिरामिड (Square Pyramid)

पृष्ठ क्षेत्रफल = b² + 2bs
आयतन = (1/3) × b² × h
उदाहरण: यदि
  • आधार भुजा (b) = 6 सेमी
  • त्रिज्या (slant height) (s) = 5 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 8 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 6² + 2 × 6 × 5
  • = 36 + 60
  • = 96 वर्ग सेमी
  • आयतन = (1/3) × 6² × 8
  • = (1/3) × 36 × 8
  • = (1/3) × 288
  • = 96 घन सेमी

9. आयताकार पिरामिड (Rectangular Pyramid)

पृष्ठ क्षेत्रफल = lb + l√((b/2)² + h²) + b√((l/2)² + h²)
आयतन = (1/3) × l × b × h
उदाहरण: यदि
  • लंबाई (l) = 8 सेमी
  • चौड़ाई (b) = 6 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 9 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 8 × 6 + 8 × √((6/2)² + 9²) + 6 × √((8/2)² + 9²)
  • (थोड़ा जटिल है, मान निकालने पर मिलेगा)
  • आयतन = (1/3) × 8 × 6 × 9
  • = (1/3) × 48 × 9
  • = (1/3) × 432
  • = 144 घन सेमी

10. खोखला बेलन (Hollow Cylinder)

पृष्ठ क्षेत्रफल = 2π(r₁ + r₂)(h + r₁ - r₂)
आयतन = πh(r₁² - r₂²)
उदाहरण: यदि
  • बाहरी त्रिज्या (r₁) = 7 सेमी
  • आंतरिक त्रिज्या (r₂) = 5 सेमी
  • ऊंचाई (h) = 10 सेमी
  • पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 × 3.14 × (r₁ + r₂) × (h + r₁ - r₂)
  • = 2 × 3.14 × (7 + 5) × (10 + 7 - 5)
  • = 2 × 3.14 × 12 × 12
  • = 904.32 वर्ग सेमी
  • आयतन = 3.14 × h × (r₁² - r₂²)
  • = 3.14 × 10 × (7² - 5²)
  • = 3.14 × 10 × (49 - 25)
  • = 3.14 × 10 × 24
  • = 753.6 घन सेमी


सांख्यिकी (Statistics) - सभी महत्वपूर्ण सूत्र

विषय सूत्र (Formula)
माध्य (Mean) Σx n
संवृत्त माध्य (Mean for grouped data) Σf·x Σf
माध्यिका (Median) - असांवृत्त n + 1 2 वीं संख्या
माध्यिका (Median) - सांवृत्त l + n2 – F f × h
बहुलक (Mode) - सांवृत्त l + f1 – f0 2f1 – f0 – f2 × h
संवृत्त माध्य (Step Deviation Method) a + Σf·d Σf × h
विविधता (Variance) σ2 = Σ(x - μ)2 n या, σ2 = (Σ(x - μ)2) / n
मानक विचलन (Standard Deviation) σ = (Σ(x - μ)2 / n)
विविधता गुणांक (Coefficient of Variation) CV = (σ / μ) × 100
विकृति (Skewness) Σ(x - μ)3 n × σ3
कुर्टोसिस (Kurtosis) Σ(x - μ)4 n × σ4
संबंध (Correlation) r = Σ(x - x̄)(y - ȳ) (Σ(x - x̄)2 × Σ(y - ȳ)2)
प्रतिगमन (Regression) y = a + bx
लघुत्तम वर्ग विधि (Least Square Method) Σy Σx , Σxy Σx2


प्रायिकता (Probability) - सभी महत्वपूर्ण सूत्र

विषय सूत्र (Formula)
घटना की प्रायिकता (Probability of an event) P(E) = सफल घटनाओं की संख्या कुल घटनाओं की संख्या
पूरक घटनाओं की प्रायिकता (Probability of complementary events) P(E') = 1 - P(E)
योग नियम (Addition Rule) P(A ∪ B) = P(A) + P(B) - P(A ∩ B)
गुणा नियम (Multiplication Rule) P(A ∩ B) = P(A) × P(B|A)
सशर्त प्रायिकता (Conditional Probability) P(A|B) = P(A ∩ B) P(B)
बायेस का प्रमेय (Bayes Theorem) P(A|B) = P(B|A) × P(A) P(B)
कुल प्रायिकता प्रमेय (Total Probability Theorem) P(B) = Σ P(B|Ai) × P(Ai)
बर्नोली का परीक्षण (Bernoulli's Trial) P(X = k) = nCk × pk × (1 - p)n-k n
बाइनोमियल वितरण (Binomial Distribution) P(X = k) = nCk × pk × (1 - p)n-k n
पॉइसन वितरण (Poisson Distribution) P(X = k) = λk × e k!
सामान्य वितरण (Normal Distribution) P(X = x) = 1 σ × e-(x - μ)2 / 2σ2
अपेक्षित मान (Expected Value) E(X) = Σ x × P(x)