Interactive Math Formulas Icon π √a²+b² sin θ A=πr² a² + b² = c²

Class 9 Math – All Formulas

Master Class 9 Mathematics formulas in Algebra, Geometry, Trigonometry, and Mensuration. Interactive animations and clear breakdowns make revision engaging and effective for every student.


Class 9 Maths Formulas in Hindi

Mathematics All Formulas

Number System

गणित में, संख्या पद्धति (Number System) संख्याओं को दर्शाने और उनका प्रयोग करने की विधि है। यह विभिन्न प्रकार की संख्याओं जैसे प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय संख्याएँ, अपरिमेय संख्याएँ, और वास्तविक संख्याएँ, आदि का अध्ययन करती है।

1. Natural Numbers (प्राकृतिक संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जो 1 से शुरू होती हैं और अनंत तक जाती हैं।
  • Example- 1, 2, 3, 4, ...
  • Explanation- इनका प्रयोग गिनती करने में किया जाता है। इनमें दशमलव या ऋणात्मक संख्या शामिल नहीं होती हैं।

2. Whole Numbers (पूर्ण संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जो 0 से शुरू होती हैं और प्राकृतिक संख्याएँ भी शामिल होती हैं।
  • Example- 0, 1, 2, 3, 4, ...
  • Explanation- ये संख्याएँ 0 से शुरू होती हैं और इनमें दशमलव या ऋणात्मक संख्या शामिल नहीं होती हैं।

3. Integers (पूर्णांक):

  • Definition- वे संख्याएँ जो प्राकृतिक संख्याएँ, उनकी ऋणात्मक संख्याएँ और 0 को शामिल करती हैं।
  • Example- -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ...
  • Explanation- इनमें ऋणात्मक संख्याएँ भी शामिल होती हैं, जो कि पूर्णांक का हिस्सा हैं।

4. Positive Integers (धन पूर्णांक):

  • Definition- वे पूर्णांक जो 0 से बड़े होते हैं।
  • Example- 1 , 2 , 3 , 4 , 5 , ...

5. Negative Integers (ऋण पूर्णांक):

  • Definition- वे पूर्णांक जो 0 से छोटे होते हैं।
  • Example- -1 , -2 , -3 , -4 , -5 , ...

6. Rational Numbers (परिमेय संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0।
  • Example- 1/2, 3/4, -2/5, ...
  • Explanation- यह वे संख्याएँ होती हैं जो पूर्णांक के अनुपात में होती हैं और इनमें दशमलव विस्तार सीमित होता है या आवर्ती होता है।

7. Irrational Numbers (अपरिमेय संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है और जिनके दशमलव विस्तार अनंत और आवर्ती नहीं होते हैं।
  • Example-   2, π, ...
  • Explanation- यह वे संख्याएँ होती हैं जिनके दशमलव अनंत और अव्यवस्थित होते हैं। जैसे π (पाई) जिसकी दशमलव विस्तार अनंत है और दोहराता नहीं है।

8. Real Numbers (वास्तविक संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जो Rational और Irrational दोनों संख्याओं को शामिल करती हैं।
  • Example- 3, -1/2,    5, π, ...
  • Explanation- वास्तविक संख्या वह होती है जो संख्या रेखा पर मौजूद होती है। इनमें प्राकृतिक संख्या, पूर्णांक, परिमेय संख्या, और अपरिमेय संख्या शामिल होती हैं।

9. Even Numbers (सम संख्या):

  • Definition- वे संख्याएँ जो 2 से विभाजित हो सकती हैं।
  • Example-2, 4, 6, 8, 10, ...
  • सामान्य रूप:  एक पूर्णांक है।
  • Example- 2 = 2 × 1, 4 = 2 × 2, 6 = 2 × 3

10. Odd Numbers (विषम संख्या):

  • Definition- वे संख्याएँ जो 2 से विभाजित नहीं हो सकती हैं।
  • Example- 1, 3, 5, 7, 9, ...
  • सामान्य रूप: 2n + 1,जहां n एक पूर्णांक है।
  • Example:1 = 2 × 0 + 1, 3= 2 × 1 + 1, 5 = 2 × 2 + 1

11. Prime Numbers (अभाज्य संख्या):

  • Definition- वे संख्याएँ जो केवल 1 और स्वयं से विभाजित हो सकती हैं।
  • Example- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, ...
  • Explanation- 2 सबसे छोटी और एकमात्र सम अभाज्य संख्या है।

12. Composite Numbers (समग्र संख्या):

  • Definition- वे संख्याएँ जो 1 और स्वयं के अलावा अन्य संख्याओं से भी विभाजित हो सकती हैं।
  • Example- 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, 16, 18, 20, ...
  • Explanation- 4 सबसे छोटी समग्र संख्या है।
 

13. HCF and LCM (महत्तम समापवर्तक और लघुत्तम समापवर्त्य):

  • HCF (Highest Common Factor):

    • Definition- दो या अधिक संख्याओं का सबसे बड़ा गुणनखंड जो उन सभी संख्याओं को विभाजित करता है।
    • Example- HCF of 12 and 15 is 3.
    • Explanation- जैसे 12 और 15 के सामान्य गुणनखंड 1 और 3 हैं। इनमें से सबसे बड़ा 3 है, इसलिए HCF 3 है।
  • LCM (Least Common Multiple):

    • Definition- दो या अधिक संख्याओं का सबसे छोटा गुणनफल जो उन सभी संख्याओं से विभाजित हो सकता है।
    • Example- LCM of 12 and 15 is 60.
    • Explanation- जैसे 12 और 15 के गुणनफल 60 से विभाजित हो सकते हैं, तो इनका LCM 60 है।

14. Complex Numbers (सम्मिश्र संख्याएँ):

  • Definition- वे संख्याएँ जो वास्तविक संख्या और काल्पनिक संख्या के रूप में होती हैं। इसे z = a + bi के रूप में लिखा जाता है, जहाँ a और b वास्तविक संख्याएँ हैं और i =    -1
  • Example- 3 + 2i, -1 + i   5, ...
  • Explanation- इनमें वास्तविक संख्या (a) और काल्पनिक संख्या (b) का संयोग होता है। जैसे 3 + 2i में 3 वास्तविक और 2i काल्पनिक भाग है।

15. Modulus and Conjugate of a Complex Number:

  • Modulus: z = a + bi का मापांक    (a² + b²) होता है।
  • Example- |3 + 4i| =    (3² + 4²) =    25 = 5.
  • Explanation- यह सम्मिश्र संख्या की लंबाई होती है जो उसे 0 से मापता है।
Conjugate: z = a + bi का संयुग्म a - bi होता है।
  • Example- Conjugate of 3 + 4i is 3 - 4i.
  • Explanation- संयुग्म सम्मिश्र संख्या के काल्पनिक भाग को विपरीत चिह्न देता है।

16. Polar Form of Complex Numbers:

  • Definition- कोई सम्मिश्र संख्या z = a + bi को r(cosθ + i sinθ) के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ r =   (a² + b²) और θ = tan⁻¹(b/a)।
  • Example- z = 1 + i   3, r = 2, θ = π/3, तो z = 2(cosπ/3 + i sinπ/3).
  • Explanation- यह सम्मिश्र संख्याओं का वैकल्पिक रूप होता है जिसमें r दूरी और θ कोण होता है।

Properties of Complex Numbers (सम्मिश्र संख्याओं के गुण)

Addition (योग):

  • Formula: (a + bi) + (c + di) = (a + c) + (b + d)i.
  • Explanation- दो सम्मिश्र संख्याओं का योग करते समय, वास्तविक भाग को वास्तविक भाग में और काल्पनिक भाग को काल्पनिक भाग में जोड़ा जाता है।
  • Example-
    • (3 + 4i) + (1 + 2i)
    • (3 + 1) + (4 + 2i)
    • 4 + 6i
  • Explanation- यहाँ 3 और 1 को जोड़कर 4 प्राप्त होता है, और 4i और 2i को जोड़कर 6i प्राप्त होता है।

Subtraction (घटाव):

  • Formula: (a + bi) - (c + di) = (a - c) + (b - d)i.
  • Explanation- दो सम्मिश्र संख्याओं का घटाव करते समय, वास्तविक भाग को वास्तविक भाग से और काल्पनिक भाग को काल्पनिक भाग से घटाया जाता है।
  • Example-
    • (5 + 7i) - (3 + 2i)
    • (5 - 3) + (7 - 2i)
    • 2 + 5i
  • Explanation- यहाँ 5 और 3 को घटाकर 2 प्राप्त होता है, और 7i और 2i को घटाकर 5i प्राप्त होता है।

Multiplication (गुणन):

  • Formula: (a + bi)(c + di) = (ac - bd) + (ad + bc)i.
  • Explanation- दो सम्मिश्र संख्याओं का गुणन करते समय, हमें वास्तविक और काल्पनिक भागों के गुणन का योग निकालना होता है।
  • Example-
    • (3 + 4i)(1 + 2i)
    • 3 × 1 + 3 × 2i + 4i × 1 + 4i × 2i
    • 3 + 10i + 8(-1)  [क्योंकि 𝑖2 = − 1
    • -5 + 10i
  • Explanation- यहाँ 3 × 1 = 3, 3 × 2i = 6i, 4i × 1 = 4i  और   4i × 2i = 8(-1) = -8  होते हैं। इनको जोड़कर 5 + 10i प्राप्त होता है।

Division (भाग):

  • Formula: 𝑎 + 𝑏 𝑖  𝑐 + 𝑑 𝑖
    ( 𝑎 + 𝑏 𝑖 ) ( 𝑐 𝑑 𝑖 )
    𝑐 2 + 𝑑 2

  • Explanation- दो सम्मिश्र संख्याओं का भाग करते समय, संख्या के संयुग्म का उपयोग करके समीकरण को सरल किया जाता है।
  • Example-
    • 3 + 4 𝑖
      1 + 2 𝑖
    • ( 3 + 4 𝑖 ) ( 1 2 𝑖 )
      1 2 + 2 2
    • 3 6 𝑖 + 4 𝑖 8 𝑖 2
      1 + 4
    • 3 2 𝑖 + 8
      5
          [क्योंकि 𝑖 2 = -1]
    • 11 2 𝑖
      5
    •  2.2 0.4 𝑖
  • Explanation- यहाँ, हम c + di  के संयुग्म c - di  का उपयोग करते हैं और गुणा करते हैं, जिससे विभाजक वास्तविक संख्या बन जाती है और भाग करना सरल हो जाता है।

Conjugate (संयुग्म): 

  • Formula: z = a + bi  का संयुग्म z̅ = a - bi होता है।
  • Explanation- सम्मिश्र संख्या का संयुग्म वास्तविक भाग को अपरिवर्तित रखते हुए काल्पनिक भाग के चिह्न को बदलता है।
  • Example-
    • z = 3 + 4i
    • z̅ = 3 - 4i
  • Explanation- संयुग्म का उपयोग सम्मिश्र संख्याओं को सरल करने और भाग के संचालन में किया जाता है।

Modulus (मापांक):

  • Formula: z = a + b i  का मापांक |z| = होता है।
  • Explanation- सम्मिश्र संख्या का मापांक वास्तविक और काल्पनिक भागों के वर्गों के योग का वर्गमूल होता है।
  • Example-
    • z = 3 + 4i
    • |z| =   (3² + 4²) =   (9 + 16) =    25 = 5
  • Explanation- यह सम्मिश्र संख्या की लंबाई या दूरी को दर्शाता है, जो इसे मूल बिंदु से मापता है।


Class 9 – Chapter 2: बहुपद (Polynomials) – सरल सूत्र

क्र.सं. सूत्र / टॉपिक सरल व्याख्या
1 बहुपद क्या है? जैसे: x² + 3x + 2 एक बहुपद है। यह x के अलग-अलग घात (power) वाले पदों से बना होता है।
2 बहुपद का मान निकालना अगर p(x) = x² + 3x + 2, तो p(1) = 1² + 3×1 + 2 = 6
3 शून्य (Zero) बहुपद जब सभी पद 0 हो, जैसे p(x) = 0
4 एक-घात (Linear) बहुपद जिसमें x की पावर 1 हो, जैसे: x + 2
5 दो-घात (Quadratic) बहुपद जिसमें x² हो, जैसे: x² + 3x + 2
6 घात और डिग्री सबसे बड़ी पावर को “डिग्री” कहते हैं। जैसे x³ + x² की डिग्री = 3
7 (x - a) एक गुणनखंड अगर p(a) = 0, तो (x - a) उसका गुणनखंड होगा
8 सूत्र: (a + b)² (a + b)² = a² + 2ab + b²
9 सूत्र: (a - b)² (a - b)² = a² - 2ab + b²
10 सूत्र: (a + b)(a - b) (a + b)(a - b) = a² - b²

Algebra Formulas


Identity

a2 + b2

(a + b)2 - 2ab

(a - b)2

a2 - 2ab + b2

(a + b + c)2

a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca

(a - b - c)2

a2 + b2 + c2 - 2ab + 2bc - 2ca

(a + b)3

a3 + 3a2b + 3ab2 + b3

(a - b)3

a3 - 3a2b + 3ab2 - b3 = a3 - b3 - 3ab(a - b)

a3 - b3

(a - b)(a2 + ab + b2)

a3 + b3

(a + b)(a2 - ab + b2)

(a + b)4

a4 + 4a3b + 6a2b2 + 4ab3 + b4

(a - b)4

a4 - 4a3b + 6a2b2 - 4ab3 + b4

a4 - b4

(a - b)(a + b)(a2 + b2)

a5 - b5

(a - b)(a4 + a3b + a2b2 + ab3 + b4)

(x + y + z)2

x2 + y2 + z2 + 2xy + 2yz + 2xz

(x + y - z)2

x2 + y2 + z2 + 2xy - 2yz - 2xz

(x - y + z)2

x2 + y2 + z2 - 2xy - 2yz + 2xz

(x - y - z)2

x2 + y2 + z2 - 2xy + 2yz - 2xz

x3 + y3 + z3 - 3xyz

(x + y + z)(x2 + y2 + z2 - xy - yz - xz)

x2 + y2 + z2 - xy - yz - zx

1/2 [(x - y)2 + (y - z)2 + (z - x)2]

(a + b + c + ...)2

a2 + b2 + c2 + ... + 2(ab + ac + bc + ...)

(x + y + z + ...)2

x2 + y2 + z2 + ... + 2(xy + xz + yz + ...)

(x2 + y2 + z2)2

x4 + y4 + z4 + 2(x2y2 + y2z2 + z2x2) + 2(x2yz + xy2z + xyz2)

(a + b + c)3

a3 + b3 + c3 + 3(a2b + ab2 + b2c + bc2 + c2a + ac2) + 6abc

(a - b)5

a5 - 5a4b + 10a3b2 - 10a2b3 + 5ab4 - b5

(x + y)2(x - y)2

(x2 - y2)2

(a + b)2(a - b)2

(a2 - b2)2

(x + y + z)3

x3 + y3 + z3 + 3(x2y + xy2 + y2z + yz2 + z2x + zx2) + 6xyz

(a + b + c + d)2

a2 + b2 + c2 + d2 + 2(ab + ac + ad + bc + bd + cd)

(a2 - b2)2

a4 - 2a2b2 + b4


अध्याय 3: निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry)

📌 प्रमुख सूत्र:

क्रमांक सूत्र विवरण
1. (x, y) निर्देशांक (Coordinate) को दर्शाने का सामान्य रूप
2. सकारात्मक x-अक्ष और y-अक्ष x-अक्ष (horizontal), y-अक्ष (vertical)
3. मूल बिंदु (0, 0) जहाँ x और y अक्ष एक-दूसरे को काटते हैं (Origin)
4. चार चतुर्थांश (Quadrants)
  • प्रथम चतुर्थांश (+x, +y)
  • द्वितीय चतुर्थांश (–x, +y)
  • तृतीय चतुर्थांश (–x, –y)
  • चतुर्थ चतुर्थांश (+x, –y)
5. (x2 - x1)2 + (y2 - y1)2 दो बिंदुओं (x₁, y₁) और (x₂, y₂) के बीच की दूरी (Distance Formula)
6. (x1 + x2) 2 , (y1 + y2) 2 मध्य बिंदु सूत्र (Midpoint Formula)


अध्यान 4: एक चर वाले रैखिक समीकरण (Linear Equations in One Variable)

📌 प्रमुख सूत्र:

क्रमांक सूत्र विवरण
1. ax + b = 0 यह रैखिक समीकरण का सामान्य रूप है, जहाँ 'a' और 'b' संख्या हैं, और 'x' अज्ञात है।
2. x = -ba यह रैखिक समीकरण हल करने का सामान्य सूत्र है। इसे इस्तेमाल करके हम x का मान प्राप्त करते हैं।

📌 समीकरण हल करने का तरीका:

उदाहरण:

समीकरण: 3x + 6 = 12

  • पहले 6 को दूसरी ओर ले जाएं: 3x = 12 - 6
  • फिर: 3x = 6
  • अब 3 से दोनों ओर विभाजित करें: x = 6 / 3
  • अंत में, x = 2

तो, x का मान है: 2

समीकरण: 5x - 4 = 11

  • पहले -4 को दूसरी ओर ले जाएं: 5x = 11 + 4
  • फिर: 5x = 15
  • अब 5 से दोनों ओर विभाजित करें: x = 15 / 5
  • अंत में, x = 3

तो, x का मान है: 3



अध्यान 5: रेखाएँ और कोण (Lines and Angles)

📌 प्रमुख सूत्र:

क्रमांक सूत्र विवरण
1. समकुच कोण (Complementary Angles) दो कोणों का योग 90° होता है, तो वे समकुच कोण कहलाते हैं।
2. पूरक कोण (Supplementary Angles) दो कोणों का योग 180° होता है, तो वे पूरक कोण कहलाते हैं।
3. समानांतर रेखाएँ (Parallel Lines) दो रेखाएँ जो कभी एक-दूसरे को नहीं काटतीं, उन्हें समानांतर रेखाएँ कहते हैं।
4. काटती रेखाएँ (Intersecting Lines) दो रेखाएँ जो एक बिंदु पर मिलती हैं, उन्हें काटती रेखाएँ कहते हैं।
5. आंतर कोण (Alternate Angles) दो समानांतर रेखाओं को एक ट्रांसवर्सल रेखा द्वारा काटा जाता है, तो ट्रांसवर्सल रेखा से बने कोण आंतर कोण कहलाते हैं।

📌 उदाहरण:

समकुच कोण (Complementary Angles):

यदि एक कोण 30° है, तो दूसरा कोण 60° होगा, क्योंकि दोनों का योग 90° होता है।

समीकरण विवरण
30° + 60° = 90° यहां 30° और 60° समकुच कोण हैं, जिनका योग 90° होता है।

पूरक कोण (Supplementary Angles):

यदि एक कोण 110° है, तो दूसरा कोण 70° होगा, क्योंकि दोनों का योग 180° होता है।

समीकरण विवरण
110° + 70° = 180° यहां 110° और 70° पूरक कोण हैं, जिनका योग 180° होता है।

समानांतर रेखाएँ (Parallel Lines):

अगर दो रेखाएँ समानांतर हैं, तो उनका अंतर कोण (alternate angles) और अनुकूली कोण (corresponding angles) समान होते हैं।

उदाहरण:

⟶ रेखाएँ: AB || CD ⟶ ट्रांसवर्सल रेखा: EF
⇒ ∠1 = ∠2 (आंतर कोण) ⇒ ∠3 = ∠4 (अनुकूली कोण)

काटती रेखाएँ (Intersecting Lines):

जब दो रेखाएँ एक ही बिंदु पर मिलती हैं, तो वे काटती रेखाएँ कहलाती हैं।

उदाहरण:

⟶ रेखाएँ: AB और CD ⟶ बिंदु: P
⇒ AB ∩ CD = P ⇒ रेखाएँ AB और CD P पर मिलती हैं।

आंतर कोण (Alternate Angles):

समानांतर रेखाओं को ट्रांसवर्सल रेखा द्वारा काटे जाने पर बनने वाले कोण आंतर कोण कहलाते हैं।

उदाहरण: अगर रेखाएँ AB और CD समानांतर हैं, और EF एक ट्रांसवर्सल रेखा है, तो ∠1 और ∠2 आंतर कोण होंगे।



Trigonometry



Radian and Degree Measures of Angles:

1 rad 180°π ≈ 57°17'45"
π180rad ≈ 0.017453
1' π180.60rad ≈ 0.000291 rad
1" π180.3600rad ≈ 0.000005 rad


Trigonometric Ratio

Opposite Side = लम्ब

Hypotenuse = कर्ण

Adjacent Side = आधार

(कर्ण)2 (लम्ब)2 + (आधार)2
(लम्ब)2 (कर्ण)2 - (आधार)2
(आधार)2 (कर्ण)2 - (लम्ब)2
sin θ लम्बकर्ण
cos θ आधारकर्ण
tan θ लम्बआधार
cosec θ कर्णलम्ब ,  1Sin
sec θ कर्णआधार ,  1cos
cot θ आधारलम्ब ,  1tan


Reciprocal Identities:

cosec θ 1sin θ
sec θ 1cos θ
cot θ 1tan θ


Quotient Identities:

tan θ sin θcos θ
cot θ cos θsin θ
trigonometry-table

त्रिकोणमिति (Trigonometry)



त्रिकोणमिति सारणी (Trigonometric Chart):-

Angle (θ) 30° 45° 60° 90°
Sine (sin θ) 0 12 12 32 1
Cosine (cos θ) 1 32 12 12 0
Tangent (tan θ) 0 13 1 3
Cotangent (cot θ) 3 1 13 0
Secant (sec θ) 1 23 2 2
Cosecant (csc θ) 2 2 23 1



Pythagorean Identities:

sin2 θ + cos2 θ 1
sec2 θ - tan2 θ 1
cosec2 θ - cot2 θ 1



Even-Odd Identities:

sin(-θ) -sin(θ)
cos(-θ) cos(θ)
tan(-θ) -tan(θ)
csc(-θ) -csc(θ)
sec(-θ) sec(θ)
cot(-θ) -cot(θ)



Co - Ratio

Trigonometric Identities

Angle sin cos tan cot sec csc
90 - θ cos(θ) sin(θ) cot(θ) tan(θ) csc(θ) sec(θ)
90 + θ cos(θ) -sin(θ) -cot(θ) -tan(θ) -csc(θ) sec(θ)
180 - θ sin(θ) -cos(θ) -tan(θ) -cot(θ) -sec(θ) csc(θ)
180 + θ -sin(θ) -cos(θ) tan(θ) cot(θ) -sec(θ) -csc(θ)



चतुर्भुज (Quadrilaterals)

विषय = सूत्र
चतुर्भुज के कोणों का योग = 360°
सामान्य चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊँचाई
आयत का क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
आयत का परिमाप = 2 × (लंबाई + चौड़ाई)
समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊँचाई
समांतर चतुर्भुज का परिमाप = 2 × (a + b)
वर्ग का क्षेत्रफल = (पक्ष)2
वर्ग का परिमाप = 4 × (पक्ष)
रम्बस (Rhombus) का क्षेत्रफल = 12 × (विकर्ण₁ × विकर्ण₂)


विषय = सूत्र
वृत्त की परिधि = 2πr
वृत्त का क्षेत्रफल = πr2
व्यास (Diameter) = 2r
त्रिज्या (Radius) = व्यास2
चाप की लंबाई (θ डिग्री में) = θ360 × 2πr
वृत्त खंड का क्षेत्रफल (Sector Area) = θ360 × πr2
वृत्त का अर्द्धव्यास = परिधि


क्षेत्रमिति (Mensuration)

विषय = सूत्र
वर्ग का क्षेत्रफल = (पक्ष)2
वर्ग का परिमाप = 4 × पक्ष
आयत का क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
आयत का परिमाप = 2 × (लंबाई + चौड़ाई)
त्रिभुज का क्षेत्रफल (आधार और ऊँचाई द्वारा) = 12 × आधार × ऊँचाई
समभुज त्रिभुज का क्षेत्रफल = 34 × (भुजा)2
समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊँचाई
रम्बस (Rhombus) का क्षेत्रफल = 12 × (विकर्ण₁ × विकर्ण₂)
वृत्त का क्षेत्रफल = πr2
वृत्त की परिधि = 2πr
अर्धवृत्त का क्षेत्रफल = 12 × πr2
अर्धवृत्त की परिधि = πr + 2r
किसी चाप की लंबाई = θ360 × 2πr
चाप वाला क्षेत्रफल (Sector area) = θ360 × πr2


सांख्यिकी (Statistics)

विषय = सूत्र
माध्य (Mean) = सभी मानों का योगकुल मानों की संख्या
संवृत्त माध्य (Mean for grouped data) = Σf·xΣf
माध्यिका (Median) - असांवृत्त = n + 12 वीं संख्या
माध्यिका (Median) - सांवृत्त = l + n2 – F f × h
बहुलक (Mode) - सांवृत्त = l + f1 – f02f1 – f0 – f2 × h
  • Σf·x: आवृत्ति (f) × मान (x) का योग
  • Σf: कुल आवृत्ति
  • l: माध्यिका या बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
  • n: कुल आवृत्तियों का योग
  • F: माध्यिका वर्ग से पहले की कुल आवृत्तियाँ
  • f: माध्यिका वर्ग की आवृत्ति
  • f₀: बहुलक वर्ग से पहले की आवृत्ति
  • f₁: बहुलक वर्ग की आवृत्ति
  • f₂: बहुलक वर्ग के बाद की आवृत्ति
  • h: वर्ग की चौड़ाई (class width)


प्रायिकता (Probability)

विषय = सूत्र
प्रायिकता (साधारण) = मनचाही घटनाएँसंभाव्य कुल घटनाएँ
घटित न होने की प्रायिकता = 1 − P(E)
पूर्ण निश्चित घटना की प्रायिकता = 1
असंभव घटना की प्रायिकता = 0
0 ≤ किसी घटना की प्रायिकता P(E) 1
  • P(E): घटना E की प्रायिकता
  • मनचाही घटनाएँ: वह परिणाम जो हमें चाहिए
  • संभाव्य कुल घटनाएँ: सभी संभावित परिणाम


पृष्ठ क्षेत्रफल और आयतन

आकार माप सूत्र
घन (Cube) पृष्ठ क्षेत्रफल 6 × a2
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल 4 × a2
आयतन a3
घनाभ (Cuboid) पृष्ठ क्षेत्रफल 2(lb + bh + hl)
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल 2h(l + b)
आयतन l × b × h
गोला (Sphere) पृष्ठ क्षेत्रफल 4πr2
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल 4πr2
आयतन 43πr3
अर्द्धगोला (Hemisphere) पृष्ठ क्षेत्रफल 3πr2
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल 2πr2
आयतन 23πr3
शंकु (Cone) पृष्ठ क्षेत्रफल πr(l + r)
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल πrl
आयतन 13πr2h
बेलन (Cylinder) पृष्ठ क्षेत्रफल 2πr(r + h)
वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल 2πrh
आयतन πr2h
  • a: घन की भुजा
  • l: लंबाई
  • b: चौड़ाई
  • h: ऊँचाई
  • r: त्रिज्या
  • π: पाई (लगभग 3.14)
  • l (shankhu): शंकु की तिर्यक ऊँचाई (slant height)

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