लिंग - परिभाषा, भेद और उदाहरण

प्रस्तावना: हिंदी व्याकरण में लिंग शब्द का अर्थ है - संज्ञा और सर्वनाम के उस रूप को लिंग कहते हैं जिससे पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध होता है। 

हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं - 

1. पुल्लिंग

2. स्त्रीलिंग


पुल्लिंग (Masculine Gender)


परिभाषा:

पुल्लिंग वे शब्द होते हैं जो पुरुष जाति का बोध कराते हैं। यह संज्ञा और सर्वनाम के उन रूपों को दर्शाता है जिनसे यह स्पष्ट होता है कि वह पुरुष जाति का है।

उदाहरण:




पुल्लिंग की पहचान

परिभाषा:

पुल्लिंग संज्ञा और सर्वनाम के वे शब्द होते हैं जो पुरुष जाति का बोध कराते हैं। इन शब्दों के प्रयोग से यह स्पष्ट होता है कि वे पुल्लिंग हैं।


पुल्लिंग की पहचान के नियम

  1. 'आ' पर समाप्त होने वाले शब्द:   अधिकांश पुल्लिंग शब्द 'आ' पर समाप्त होते हैं।

  2. 'अ' पर समाप्त होने वाले शब्द:  कई पुल्लिंग शब्द 'अ' पर समाप्त होते हैं।

  3. 'आ' या 'अ' से समाप्त नहीं होने वाले शब्द:  कुछ पुल्लिंग शब्द 'आ' या 'अ' से समाप्त नहीं होते परंतु फिर भी पुल्लिंग होते हैं।

  4. व्यंजन के बाद 'अ' या 'आ' का संयोग: कुछ शब्दों में व्यंजन के बाद 'अ' या 'आ' जोड़कर पुल्लिंग बनाया जाता है।

  5. विशेष उपसर्ग और प्रत्यय:  कुछ शब्दों में विशेष उपसर्ग या प्रत्यय जोड़कर पुल्लिंग बनाया जाता है।



व्याकरणिक पहचान

संज्ञा के आधार पर:  जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग होते हैं।


  1. विशेषण के आधार पर:  विशेषण का रूप संज्ञा के लिंग के अनुसार बदलता है।

    • उदाहरण: अच्छा लड़का, सुंदर राजा

वाक्य में पहचान

सही वाक्य निर्माण के लिए पुल्लिंग का सही उपयोग महत्वपूर्ण है। अगर वाक्य में लिंग का उपयोग सही नहीं है, तो वाक्य का अर्थ बदल सकता है या गलत हो सकता है।

उदाहरण:

निष्कर्ष:
 पुल्लिंग की पहचान के नियम और उनका सही प्रयोग हिंदी भाषा की शुद्धता और वाक्य की स्पष्टता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे भाषा का सही और प्रभावी उपयोग संभव होता है। उचित अभ्यास और ध्यान से हम पुल्लिंग के प्रयोग में निपुण हो सकते हैं।


स्त्रीलिंग


परिभाषा: स्त्रीलिंग वे शब्द होते हैं जो स्त्री जाति का बोध कराते हैं। यह संज्ञा और सर्वनाम के उन रूपों को दर्शाता है जिनसे यह स्पष्ट होता है कि वह स्त्री जाति का है।


उदाहरण:


स्त्रीलिंग की पहचान

परिभाषा:

स्त्रीलिंग संज्ञा और सर्वनाम के वे शब्द होते हैं जो स्त्री जाति का बोध कराते हैं। इन शब्दों के प्रयोग से यह स्पष्ट होता है कि वे स्त्रीलिंग हैं।


स्त्रीलिंग की पहचान के नियम

  1. 'आ' से 'ई' में परिवर्तन:  अधिकांश पुल्लिंग शब्द जो 'आ' पर समाप्त होते हैं, उनके स्त्रीलिंग रूप 'ई' में बदल दिए जाते हैं।

    • उदाहरण: लड़का - लड़की, राजा - रानी
  2. 'ता' से 'ती' में परिवर्तन:  कुछ शब्दों में 'ता' को 'ती' में बदलकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।

    • उदाहरण: सेवक - सेविका, लेखक - लेखिका
  3. व्यंजन + 'नी':  कुछ शब्दों में व्यंजन के बाद 'नी' जोड़कर स्त्रीलिंग रूप बनाया जाता है।

    • उदाहरण: शेर - शेरनी, देव - देवी
  4. विशेष उपसर्ग और प्रत्यय:  कुछ शब्दों में विशेष उपसर्ग या प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।

  5. विशेष शब्द:  कुछ शब्दों के स्त्रीलिंग रूप विशेष होते हैं और उन्हें याद रखना पड़ता है।

व्याकरणिक पहचान 

संज्ञा के आधार पर: जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग होते हैं। उदाहरण: औरत, माता, बेटी

  1. विशेषण के आधार पर:  विशेषण का रूप संज्ञा के लिंग के अनुसार बदलता है।

उदाहरण:



वाक्य में पहचान

सही वाक्य निर्माण के लिए स्त्रीलिंग का सही उपयोग महत्वपूर्ण है। अगर वाक्य में लिंग का उपयोग सही नहीं है, तो वाक्य का अर्थ बदल सकता है या गलत हो सकता है।

उदाहरण:


निष्कर्ष: 
स्त्रीलिंग की पहचान के नियम और उनका सही प्रयोग हिंदी भाषा की शुद्धता और वाक्य की स्पष्टता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे भाषा का सही और प्रभावी उपयोग संभव होता है। उचित अभ्यास और ध्यान से हम स्त्रीलिंग के प्रयोग में निपुण हो सकते हैं।  


लिंग परिवर्तन के 30 नियम


1. 'आ' से 'ई' में परिवर्तन नियम:जो पुल्लिंग शब्द 'आ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ई' हो जाते हैं।
 उदाहरण: लड़का - लड़की, राजा - रानी
2. 'अ' से 'आ' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'अ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'आ' हो जाते हैं। 
उदाहरण: पंडित - पंडिता, भगत - भगता
3. 'क' से 'का' या 'की' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द 'क' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'का' या 'की' हो जाते हैं। 
उदाहरण: शिक्षक - शिक्षिका, सेवक - सेविका
4. 'र' से 'रा' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'र' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'रा' हो जाते हैं। 
उदाहरण: मित्र - मित्रा, छात्र - छात्रा
5. 'वा' से 'वी' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द 'वा' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'वी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: कवि - कवयित्री, विद्वान - विदुषी
6. 'आ' से 'आन' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'आ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'आन' हो जाते हैं।
 उदाहरण: सेवक - सेविका, रक्षक - रक्षिका
7. 'पु' से 'स्त्री' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'पु' से प्रारंभ होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'स्त्री' हो जाते हैं।
 उदाहरण: पुत्र - पुत्री, देव - देवी
8. 'ए' से 'ई' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'ए' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ई' हो जाते हैं। 
उदाहरण: गायक - गायिका, शिक्षक - शिक्षिका
9. 'ी' से 'ीन' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'ी' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ीन' हो जाते हैं। 
उदाहरण: योगी - योगिनी, साधु - साध्वी
10. 'र' से 'रिका' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'र' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'रिका' हो जाते हैं। 
उदाहरण:अधिकारी - अधिकारिका, परीक्षक - परीक्षिका
11. 'आ' से 'आनी' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'आ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'आनी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: राजा - रानी, साधक - साधिका
12. 'अ' से 'ई' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'अ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ई' हो जाते हैं। 
उदाहरण: बेटा - बेटी, चाचा - चाची
13. 'ह' से 'हिणी' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द 'ह' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'हिणी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: नायक - नायिका, शिक्षक - शिक्षिका
14. 'क' से 'कनी' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द 'क' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'कनी' हो जाते हैं।
 उदाहरण: सेवक - सेविका, रक्षक - रक्षिका
15. विशेष नियम नियम: कुछ शब्दों के लिंग परिवर्तन का कोई निश्चित नियम नहीं होता, उन्हें याद रखना पड़ता है। 
उदाहरण: भाई - बहन, पिताजी - माताजी
16. 'कार' से 'कारी' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'कार' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'कारी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: व्यापारी - व्यापारिनी, अधिकारी - अधिकारिनी
17. 'द' से 'द्रा' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'द' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'द्रा' हो जाते हैं। 
उदाहरण: विद्वद - विदुषी, कविद - कवयित्री
18. 'ल' से 'ला' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'ल' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ला' हो जाते हैं। 
उदाहरण: मित्रल - मित्रला, बाल - बाला
19. 'य' से 'या' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'य' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'या' हो जाते हैं। 
उदाहरण: विधेय - विधेया, उपदेशय - उपदेशया
20. 'अ' से 'आ' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'अ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'आ' हो जाते हैं। 
उदाहरण:पालक - पालिका, साहब - साहिबा
21. 'वीर' से 'वीरा' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'वीर' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'वीरा' हो जाते हैं। 
उदाहरण: योद्धा - योद्धावीरा, पराक्रम - पराक्रमीवीरा
22. 'व' से 'वा' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'व' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'वा' हो जाते हैं। 
उदाहरण: सेवक - सेविका, चालक - चालिका
23. 'अंत' से 'अंती' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'अंत' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'अंती' हो जाते हैं। 
उदाहरण: सेवकांत - सेविका, क्रियांत - क्रियाकारी
24. 'ता' से 'ताई' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'ता' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'ताई' हो जाते हैं। 
उदाहरण: नेता - नेताई, विक्रेता - विक्रेताई
25. 'ना' से 'नी' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'ना' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'नी' हो जाते हैं।
 उदाहरण: गायक - गायिका, लेखक - लेखिका
26. 'आ' से 'आई' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'आ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'आई' हो जाते हैं। 
उदाहरण: नौकर - नौकरानी, रक्षक - रक्षकानी
27. 'पाल' से 'पाली' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'पाल' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'पाली' हो जाते हैं। 
उदाहरण: घोपाल - घोपाली, शिक्षकपाल - शिक्षिका
28. 'द' से 'दी' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'द' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'दी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: मित्रद - मित्रदी, उपदेशद - उपदेशदी
29. 'भ' से 'भी' में परिवर्तन नियम:कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'भ' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'भी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: महारभ - महारभी, सहायकभ - सहायकभी
30. 'स्वामी' से 'स्वामिनी' में परिवर्तन नियम: कुछ पुल्लिंग शब्द जो 'स्वामी' पर समाप्त होते हैं, वे स्त्रीलिंग में 'स्वामिनी' हो जाते हैं। 
उदाहरण: गुरु - गुरुआनी, रक्षक - रक्षकानी


लिंग निर्णय करने के प्रकार

  1.  अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय

  2.  तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय

  3.  तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

  4.  प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

  5.  संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय

  6.  उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय

  7.  अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय


1. अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय:-  अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय का मतलब है किसी शब्द के अर्थ के आधार पर उसका लिंग निर्धारण करना। इसके अनुसार, जो शब्द पुरुष व्यक्ति या वस्तु का बोध कराते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहा जाता है, और जो शब्द स्त्री व्यक्ति या वस्तु का बोध कराते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहा जाता है।

उदाहरण:

  • पुल्लिंग: आदमी, बेटा, राजा, शेर, पुस्तक, नगर, गाँव, गुरु, वक्ता, विश्व, सम्राट, नेता, पति, भाई, पापा, स्वामी, बच्चा, छोटा, बंदर, दादा, वृक्ष, विद्यालय, गायक, कलाकार, व्यापारी, बच्चा, चिराग़, लकड़ी, नेता, पंडित, शिक्षक, योद्धा, राजकुमार, राष्ट्रपति, संत, वैज्ञानिक, वकील, सिपाही, नायक, गुरु, शोधकर्ता, दीवाना, राजगुरु, आवारा, कवि, बड़ा, लाख, बादशाह, राजा, बबू, दुल्हा, महान, महाराज, नया, खिलाड़ी, सरकार, बादल, तारा, महिला, भूख, बारिश, बर्फ, धुंआ, आकाश, धरती, निकाल, दीवाली, आकर्षण, दिन, भूत, नाग, नकल, स्कूल
  • स्त्रीलिंग: औरत, बेटी, रानी, बिल्ली, खिड़की, समुद्र, नदी, धरती, आकाश, बरगद, वृक्ष, चाँदनी, तारा, सवाल, शक्ति, पूजा, आरती, विश्वास, उम्मीद, चाँद, दुनिया, धरोहर, सुंदरता, सफलता, विजय, सूर्य, पृथ्वी, पानी, नेत्र, देवी, माँ, बहन, बेगम, सौंदर्य, संसार, विकास, वारिस, सम्मान, सलामती, प्रकृति, रोशनी, प्रेम, संगीत, कला, प्रणाम, विश्वास, विश्राम

2. तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय:- तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए होते हैं और उनका लिंग उनके संस्कृत मूल शब्द के आधार पर निर्धारित होता है।

उदाहरण: 

पुल्लिंग: अग्नि, सूर्य, पवन, अचल, विश्व, शान्ति, समय, शक्ति, विश्वास, युग, स्थिति, नाम, विशेष, समर्थन, ध्यान, नेतृत्व, विश्वास, स्वास्थ्य, आशा, उद्देश्य, दिशा, उपकरण, प्राणी, समाधान, दृष्टि, उद्देश्य, साहस, सामर्थ्य, ध्यान, विश्राम, ब्रह्मांड, राशि, सृष्टि, सुधा, प्राकृतिक, प्रेरणा, प्राप्ति, उपकरण, समीक्षा, विकास, संकल्प, संयम, संकेत, विराम, योग, संयोजन, अवस्था, उपयोग, सम्बंध, निश्चय, उपलब्धि, प्रवाह, विराम, व्यवस्था, शक्ति, प्रतिबिंब, व्यवस्था, संदेश, संगठन, संवाद, समझ, योजना, ध्यान, संबंध, अनुसंधान, स्थिति, प्रक्रिया, रूप, रूपांतरण, संस्था, साक्षात्कार, अवस्था, संवाद, संकेत, स्वर, संशोधन, संविधान, विश्वास, सम्पत्ति, श्रेष्ठता


स्त्रीलिंग: प्रेमिका, स्नान, दान, उपवास, समाधान, विश्राम, उपदेश, आशीर्वाद, समय, स्वास्थ्य, उपाय, योजना, विचार, शांति, प्रणय, दूरी, सावधानी, पूर्ववर्ती, बुद्धि, विराम, आध्यात्म, सम्मान, संस्कार, पथ, रचना, सृजन, अधिकार, संदेश, सौंदर्य, नाविका, समाधान, सांस्कृतिक, प्रतीक्षा, साहित्य, आदर्श, उत्साह, अध्ययन, विचार, सभ्यता, समीक्षा, साहित्य, संग्रह, उपनिषद, पुस्तक, अध्यात्म, सुधा


3. तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय:- तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय उन शब्दों के लिए होता है जो संस्कृत से हिंदी में आए हैं, लेकिन उनका लिंग उनके हिंदी में आए रूप के आधार पर निर्धारित होता है।

उदाहरण: 

पुल्लिंग: दूध (दुग्ध), भाई (भ्रातृ), भूमि (भुमि), विद्या (विद्या), माटी (मृत्तिका), नदी (नदी), प्रकृति (प्रकृति), वाणी (वाणी), शांति (शान्ति), विवाह (विवाह), धर्म (धर्म), बच्चा (बालक), पानी (पानी), दिन (दिन), रात्रि (रात्रि), सुख (सुख), दुःख (दुःख), भोजन (भोजन), शिक्षा (शिक्षा), बालक (बालक), पानी (पानी), विशेष (विशिष्ट), शिकायत (शिकायत), बंधन (बंधन), साहस (साहस), स्वास्थ्य (स्वास्थ्य), प्रयोग (प्रयोग), निष्कर्ष (निष्कर्ष), अभियांत्रिकी (अभियांत्रिकी), वातावरण (वातावरण), भाग्य (भाग्य)

स्त्रीलिंग: बेटी (दुहिता), माँ (मातृ), समुद्र (सिन्धु), धरती (धरा), आग (अग्नि), दिशा (दिश), वाणी (वाणी), भावना (भावना), नगरी (नगरी), सभ्यता (सभ्य), समय (समय), समर्थन (समर्थन), सांस्कृतिक (सांस्कृतिक), विशेषता (विशेषता), विचार (विचार), प्रारंभ (प्रारंभ), अभियांत्रिकी (अभियांत्रिकी), सम्मान (सम्मान), अनुभव (अनुभव), विकास (विकास), सांस्कृतिक (सांस्कृतिक), धरोहर (धरोहर), संगीत (संगीत), अनुशासन (अनुशासन), व्यापार (व्यापार), उत्साह (उत्साह), शिक्षा (शिक्षा), सुधा (सुधा), सुन्दरता (सुंदरता), प्राचीन (प्राचीन), शिक्षा (शिक्षा), समझ (समझ), अभियांत्रिकी (अभियांत्रिकी)


4. प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय:- प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय वे शब्द होते हैं जिनमें कुछ विशेष प्रत्यय (सामान्यत: संज्ञा प्रत्यय) लगाने से तत्सम शब्द तद्भव शब्द बन जाते हैं और उनका लिंग उस प्रत्यय के आधार पर निर्धारित होता है।

उदाहरण: 

पुल्लिंग: किस्मत (किस्म + त), विज्ञान (विज्ञान + आ), विशेष (विशेष + ता), सौभाग्य (सौभाग्य + या), व्यापार (व्यापार + क), धर्म (धर्म + िक), आराम (आराम + त), पारितोषिक (पारितोषिक + िक), शिक्षा (शिक्षा + ा), शांति (शांति + त), अनुशासन (अनुशासन + िक), सुधा (सुधा + ा), संगीत (संगीत + ा)

स्त्रीलिंग: सजगता (सजग + ता), साहस (साहस + िका), संस्कार (संस्कार + ी), सम्पत्ति (सम्पत्ति + िका), सुंदरता (सुंदर + ता), साहित्य (साहित्य + ा), समृद्धि (समृद्ध + िका), साहस (साहस + िका), सभ्यता (सभ्य + िता), सम्मान (सम्मान + ी), संग्रह (संग्रह + ी), समर्थन (समर्थन + ा), स्वास्थ्य (स्वास्थ्य + िका), स्वाध्याय (स्वाध्याय + ा), सौभाग्य (सौभाग्य + िका), स्वाभिमान (स्वाभिमान + ा)


5. संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय:-संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय उन शब्दों के लिए होता है जो संस्कृत भाषा से हिंदी में आए हैं। इन शब्दों का लिंग उनके संस्कृत मूल शब्द के आधार पर निर्धारित होता है।

उदाहरण: 

पुल्लिंग: सूर्य, चन्द्र, अग्नि, पाणि, धरा, गङ्गा, यमुना, सरस्वती, सागर, वाता, वायु, आदित्य, शक्ति, प्रजा, प्रेम, महात्मा, शिव, ब्रह्मा, विष्णु, गणेश, सिद्ध, साधु, मुनि, ऋषि, वन्द्य, देव, पितृ, पुत्र, गुरु, बालक, पुरुष, देवता, राजा, नर, स्वर्ग, नगर, शिक्षक, पुष्प, वृक्ष, द्वार, सब्ज़, जगत्, सृष्टि, समुद्र, धनुष, भूत, भूमि, धर्म, वेद, मंदिर, ध्वज, रथ, दिवस, वर्ष, संसार, संदेश, विश्व, नियम, संस्कार, विशेष, रंग, उत्सव, बाल, वस्त्र, विद्या, विवाद, विश्राम, उद्यान, सचिव, अक्षर, उपदेश, साधन, वस्तु, वाच, समय, व्यवस्था, सुधा, यात्रा, सौभाग्य, विजय, परम्परा, साध्य, वास्तु, संज्ञा, संस्कार, सामाजिक, धर्म, अप्रतिष्ठ, प्रजा


6. उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय:- उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय उन शब्दों के लिए होता है जो उर्दू भाषा से हिंदी में आए हैं। इन शब्दों का लिंग उनके उर्दू मूल शब्द के आधार पर निर्धारित होता है।

उदाहरण:

पुल्लिंग: ग़रीब, आशिक़, रोज़गार, मक़सद, ज़िन्दगी, आज़माइश, इक़लौता, वक़्त, मोहब्बत, आज़ादी, बराबरी, शहर, ग़रीबी, तबस्सुम, ग़ालिब, मिज़ाज, ज़िन्दगानी, ग़म, सवाल, मिज़ाज, वक़्त, मोहब्बत, इश्क़, सर्दी, ताज़ी, दुख़, ग़म्बीर, वज़न, मिज़ाज, आसमान, अफ़साना, अफ़सोस, इश्क़िया, मोहब्बत, शबनम, वज़न



7. अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय:-अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय नहीं होता है क्योंकि अंग्रेजी भाषा में शब्दों का लिंग निर्धारित नहीं होता। अंग्रेजी में सभी संज्ञाएँ (नाम) और अव्ययीय (क्रिया, विशेषण, कारक, उपसर्ग आदि) एक ही रूप में प्रयुक्त होते हैं, चाहे वे पुल्लिंग, स्त्रीलिंग या नपुंसक भाव में हों।


यद्यपि, कई भारतीय भाषाओं में अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय किया जाता है, जैसे हिंदी में उनके अनुवाद के आधार पर। इस प्रकार, जैसे "टेबल" (table) को हिंदी में "मेज़" कहा जाता है, जो स्त्रीलिंग होता है।



नीचे कुछ पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं:

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
अतिथि अतिथिनी
अध्यापक अध्यापिका
अनुचर अनुचरी
अभिनेता अभिनेत्री
आचार्य आचार्या
कर्मचारी कर्मचारिणी
कवि कवयित्री
कसाई कसाइनी
गायक गायिका
गीतकार गीतकारिणी
गुंडा गुंडी
गुरु गुरुमा
गुरु गुरुमाता
गृहपति गृहपत्नी
घोड़ा घोड़ी
चोर चोरिन
दानव दानवी
दास दासी
दीपक दीपिका
धनी धनिका
धर्मात्मा धर्मात्मिका
धार्मिक धार्मिकता
धावक धाविका
धोबी धोबिन
नायक नायिका
निर्देशक निर्देशिका
निर्माता निर्मात्री
पंडित पंडिता
पाठक पाठिका
पिता माता
पुजारी पुजारिन
पुत्र पुत्री
पुरुष महिला
प्रभु प्रभुमा
प्रभु प्रभुमाता
बकरी बकरा
बालक बालिका
बेटा बेटी
भक्त भक्तिन
भिखारी भिखारिन
माली मालिन
मित्र मित्रा
यजमान यजमानी
रक्षक रक्षिका
रक्षक रक्षिणी
रसोइया रसोइयिन
राजकुमार राजकुमारी
राजा रानी
रावण रावणी
रोगी रोगिणी
लड़का लड़की
वक्ता वक्तृ
वाचक वाचिका
विद्यार्थी विद्यार्थिनी
विद्वान विदुषी
विधाता विधात्री
व्यक्ति व्यक्तित्व
शिक्षक शिक्षिका
शेर शेरनी
श्रोता श्रोतृ
संत संतिन
संपादक संपादिका
साधु साध्वी
सेनापति सेनापत्नी
सेवक सेविका
सैनिक सैनिकिन

अभ्यास प्रश्न

  1. लिंग की परिभाषा दीजिए।

  2. निम्नलिखित शब्दों का स्त्रीलिंग रूप लिखिए:

    • लड़का, राजा, शेर, लेखक, शिक्षक
  3. पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में अंतर स्पष्ट कीजिए।

  4. निम्नलिखित वाक्यों में पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्दों को पहचानिए:

    • वह लड़का खेल रहा है।
    • वह लड़की पढ़ाई कर रही है।
  5. कुछ अपरिवर्तनीय शब्दों के उदाहरण दीजिए।

  6. निम्नलिखित शब्दों को पुल्लिंग में बदलिए:

    • रानी, महिला, शेरनी, नायिका, अध्यापिका

उत्तर:

  1. लिंग की परिभाषा:लिंग हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो संज्ञा या सर्वनाम के पुरुष या स्त्री जाति का बोध कराता है।

  2. शब्दों का स्त्रीलिंग रूप:

    • लड़का → लड़की
    • राजा → रानी
    • शेर → शेरनी
    • लेखक → लेखिका
    • शिक्षक → शिक्षिका
  3. पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में अंतर:

    • पुल्लिंग: यह लिंग पुरुष, नर या पुरुष जाति के किसी भी व्यक्ति, पशु, या वस्तु का बोध कराता है। उदाहरण: लड़का, शेर
    • स्त्रीलिंग: यह लिंग स्त्री, मादा या स्त्री जाति के किसी भी व्यक्ति, पशु, या वस्तु का बोध कराता है। उदाहरण: लड़की, शेरनी
  4. वाक्यों में पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्द:

    • वह लड़का खेल रहा है। (लड़का - पुल्लिंग)
    • वह लड़की पढ़ाई कर रही है। (लड़की - स्त्रीलिंग)
  5. कुछ अपरिवर्तनीय शब्द:

    • डॉक्टर → डॉक्टर
    • शिक्षक → शिक्षिका
    • नेता → नेत्री
    • कलाकार → कलाकार
  6. शब्दों को पुल्लिंग में बदलना:

    • रानी → राजा
    • महिला → पुरुष
    • शेरनी → शेर
    • नायिका → नायक
    • अध्यापिका → अध्यापक


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  • कारक
  • सर्वनाम
  • विशेषण
  • क्रिया
  • काल
  • अव्यय
  • निपात
  • वाच्य
  • पुरुष
  • विराम-चिन्ह
  • उपसर्ग
  • प्रत्यय
  • संधि
  • समास
  • तत्सम-तट्भव
  • देशज-विदेशज
  • विलोम-शब्द
  • पर्यावाची-शब्द
  • मुहावरे
  • लोकोक्तियां
  • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  • एकार्थक शब्द
  • एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द
  • त्रुटिसम भिन्नार्थक शब्द
  • युग्म शब्द
  • रस
  • छन्द
  • अलंकार
  • अनुच्छेद-लेखन
  • अपठित-गद्यांश