शब्द-विचार - परिभाषा, भेद और उदाहरण

शब्द की परिभाषा

शब्द: शब्द विचार हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि के नियमों पर विचार किया जाता है। एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहा जाता है।


जैसे: एक वर्ण से निर्मित शब्द - न (नहीं) और अनेक वर्णों से निर्मित शब्द - कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि। भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म भी कहा गया है।


शब्द के भेद

  1. उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद

  2. व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद

  3. अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद

  4. प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद


उत्पत्ति के आधार पर शब्द

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित चार भेद हैं-


  1. तत्सम शब्द: जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी में बिना किसी परिवर्तन के ले लिए गए हैं वे तत्सम कहलाते हैं। जैसे- प्रकाश, विद्युत, धर्म, आर्थिक, विज्ञान आदि।

  2. तद्भव शब्द: जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं वे तद्भव कहलाते हैं। जैसे- अग्नि (आग), क्षेत्र (खेत), रात्रि (रात), सूर्य (सूरज) आदि।

  3. देशज शब्द: जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं वे देशज कहलाते हैं। जैसे- खटखटाना, चश्मा, गाड़ी, पगड़ी, बंदूक, चप्पल, ठेला आदि।

  4. विदेशी या विदेशज शब्द: विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। जैसे- स्कूल (स्कूल), टेलीविजन (TV), रेडियो (Radio), डॉक्टर (Doctor), पुलिस (Police), कम्प्यूटर (Computer), स्टेशन (Station) आदि।


ऐसे कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।


अंग्रेजी: बैंक, जॉन, ट्रेन, कार, फोन, टेबल, पेन, कम्प्यूटर, बुक, डेटा, रिमोट, मोबाइल, रेडियो, इंटरनेट, डॉलर, टिकट, माउस, बॉल, बुक, बस, स्टेशन, वीडियो, आइडिया, टैक्सी, डाइट, ग्लास, डॉक्टर, अफिस, रिपोर्ट, टेलीविजन, रेस्टोरेंट, इंजीनियर, टाइम, डांस, ऑटोमोबाइल, आफिस, अपार्टमेंट, आइडिया, लेक्चर, इलेक्ट्रिक, जीन्स, इलेवेटर, हॉस्पिटल, डायनोज, डेमो, फ्लाइट, रेलवे, इको, ट्रेंड, राडार, वीकेंड, नेवी, वॉयस, एयरपोर्ट, ग्रेजुएशन, बैक, जॉब, ब्रेन, क्लास, फ्रेंड, लाइन, लेटर, लेडी, डाक्टर, अनाइमल, इंडिया, इंजिन, ऑटोमेटिक, स्टार, बाय, इंजिनियर, सेलरी, टीचर, स्टेडियम, बॉक्स, इज़, नोवेंबर, एग्जाम, एड, रेडियो, स्पीच, एक्सीडेंट, अल्टीमेट, अग्रीमेंट, अनालिस्ट, ब्राउन, रेस्क्यू, रिपोर्ट, व्हाइट, सीन, फ्लोअर, बास, बॉर्ड, आर्म, इंडियन, वेलकम, गोल्ड, डांस, वाइट, साइंस, अफिस, हॉल, अवर, इलेक्ट्रॉनिक्स, बॉर्ड, फाइट, बेक, विद्युत, चार्ज, बाइक, रेगुलर, लाइन, ट्रांसफर, ब्लैक, बाइक, स्टेशन, बाक, कॉर्नर, ग्रीन, डिज़ाइन, एयर, अग्री, एड्वांस, इंडिया, डिजाइन, एंट्री, एंड, फ्रॉम, ब्रोन्क्स, टूरिस्ट, टाइम, वॉयस, अक्सप्रेस, लाइट, वॉटर, चार्ज, बैक, वॉयस, एंग्री, लेड, एंड, एम्पियर, टेलीफ़ोन, जॉइंट ।

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द

व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित तीन भेद हैं-

  1. रूढ़
  2. यौगिक

  3. योगरूढ़


रूढ़ शब्द: वे शब्द, जो किसी अन्य शब्दों के संयोजन से नहीं बने हैं और एक विशिष्ट अर्थ को व्यक्त करते हैं, रूढ़ शब्द कहलाते हैं। जैसे- कल, पर। इनमें क, ल, प, र का टुकड़े करने पर कोई अर्थ नहीं निकलता है, अतः ये निरर्थक हैं।


यौगिक शब्द: वे शब्द, जो कई सार्थक शब्दों के संयोग से बने होते हैं, यौगिक शब्द कहलाते हैं। जैसे- देवालय (देव+आलय), राजपुरुष (राज+पुरुष), हिमालय (हिम+आलय), देवदूत (देव+दूत) आदि। ये सभी शब्द दो सार्थक शब्दों के मेल से बने होते हैं।


योगरूढ़ शब्द: वे शब्द, जो यौगिक होते हुए भी सामान्य अर्थ के बजाय किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। जैसे- पंकज, दशानन आदि। पंकज = पंक + ज (कीचड़ में उत्पन्न होने वाला) सामान्य अर्थ में प्रयोग न होकर कमल के अर्थ में रूढ़ हो गया है। अतः पंकज शब्द योगरूढ़ है। इसी प्रकार दश (दस) आनन (मुख) वाला रावण के अर्थ में प्रसिद्ध है।



अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद

अर्थ की दृष्टि से शब्द के दो भेद हैं-
  1. सार्थक

  2. निरर्थक


सार्थक शब्द:-  सार्थक शब्द वे शब्द होते हैं जिनका स्पष्ट और पूर्ण अर्थ होता है। ये शब्द अपने आप में संपूर्ण होते हैं और उन्हें समझने के लिए किसी अन्य शब्द की आवश्यकता नहीं होती। इनका प्रयोग हमारे दैनिक जीवन, लेखन, और संवाद में होता है। 

सार्थक शब्दों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:- 


घर: एक आवासीय स्थान जहां लोग रहते हैं। 
पानी: वह तरल पदार्थ जिसे पीने के लिए उपयोग किया जाता है। 
पेड़: वह बड़ा पौधा जो लकड़ी और पत्तों से बना होता है। 
विद्यालय: एक स्थान जहां शिक्षा दी जाती है। 
प्रेम: एक गहरा और सकारात्मक भावना।


निरर्थक शब्द :-  निरर्थक शब्द वे शब्द होते हैं जिनका कोई स्पष्ट और पूर्ण अर्थ नहीं होता। ये शब्द किसी भी संदर्भ में उपयोगी नहीं होते और न ही किसी भावना या वस्तु को व्यक्त करते हैं। ये शब्द भाषा में कोई योगदान नहीं करते।

निरर्थक शब्दों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:- 


कलक: इसका कोई अर्थ नहीं है।
झपल: इस शब्द का कोई मतलब नहीं है। 
फंडर:इसका कोई संदर्भ या अर्थ नहीं है। 
द्रिल: यह शब्द भी अर्थहीन है। 
थलक: इसका भी कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं है।  


सार्थक और निरर्थक शब्दों का महत्व
सार्थक और निरर्थक शब्दों का महत्व भाषा की संरचना और उसकी अभिव्यक्ति को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। सार्थक शब्द हमारे विचारों, भावनाओं और वस्तुओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में सहायक होते हैं। वे हमारे संवाद को अर्थपूर्ण बनाते हैं और विचारों के आदान-प्रदान को संभव बनाते हैं।


दूसरी ओर, निरर्थक शब्द भाषा में भ्रम उत्पन्न करते हैं। वे किसी भी प्रकार का योगदान नहीं करते और केवल संवाद में बाधा डालते हैं। इसलिए, भाषा के प्रयोग में सार्थक शब्दों का चयन महत्वपूर्ण है ताकि संवाद स्पष्ट और प्रभावी हो सके।


प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद

प्रयोग के आधार पर शब्द के निम्नलिखित आठ भेद है-

  1.  संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. क्रिया
  5. क्रिया-विशेषण
  6. संबंधबोधक
  7. समुच्चयबोधक
  8. विस्मयादिबोधक

इन उपर्युक्त आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है- विकारी और अविकारी


विकारी शब्द :  वे शब्द होते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक और काल आदि के अनुसार परिवर्तन होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, जो शब्द विभिन्न व्याकरणिक परिस्थितियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।

विकारी शब्दों के भेद

विकारी शब्दों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जाता है: -

संज्ञा: व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं। जैसे: लड़का, किताब, दिल्ली, प्रेम आदि।

सर्वनाम: संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे: मैं, तुम, वह, यह, हम, आप, वे आदि।

विशेषण: संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे: लाल, बड़ा, सुंदर, अच्छा आदि।

क्रिया: किसी काम को करने या होने की दशा को बताने वाले शब्दों को क्रिया कहते हैं। जैसे: पढ़ना, लिखना, जाना, होना आदि।

विकारी शब्दों के उदाहरण :-
लिंग के आधार पर परिवर्तन:

पुल्लिंग: लड़का, घोड़ा, पेड़
स्त्रीलिंग: लड़की, घोड़ी, पेड़

वचन के आधार पर परिवर्तन:

एकवचन: लड़का, घोड़ा, पेड़
बहुवचन: लड़के, घोड़े, पेड़

कारक के आधार पर परिवर्तन:

कर्ता: लड़का पढ़ता है।

कर्म: मैं किताब पढ़ता हूँ।

काल के आधार पर परिवर्तन:

वर्तमान काल: मैं पढ़ता हूँ।
भूतकाल: मैंने पढ़ा।
भविष्यकाल: मैं पढ़ूंगा।

अविकारी शब्द

 वे शब्द होते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक और काल आदि के अनुसार परिवर्तन नहीं होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, जो शब्द विभिन्न व्याकरणिक परिस्थितियों में भी अपना रूप नहीं बदलते हैं, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं।

अविकारी शब्दों के भेद


अविकारी शब्दों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जाता है:

क्रिया विशेषण: क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे: जल्दी, धीरे, बहुत, कम, यहाँ, वहाँ आदि। 
संबंध बोधक शब्द: दो शब्दों या वाक्यों के बीच संबंध बताने वाले शब्दों को संबंध बोधक शब्द कहते हैं।जैसे: और, तथा, कि, क्योंकि, इसलिए, परन्तु आदि।  
समुच्चय बोधक शब्द: दो या दो से अधिक शब्दों या वाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों को समुच्चय बोधक शब्द कहते हैं। जैसे: और, किन्तु, या, अथवा आदि।
विस्मयादि बोधक शब्द: विस्मय, आश्चर्य, दुःख, क्रोध आदि भावों को व्यक्त करने वाले शब्दों को विस्मयादि बोधक शब्द कहते हैं। जैसे: वाह, हाँ, नहीं, अरे, हे आदि।

अभ्यास प्रश्न

  1. शब्द-विचार की परिभाषा दीजिए।

  2. निम्नलिखित शब्दों के प्रकार बताइए:

    • जल, खेलकूद, पुस्तकालय, आकाशगंगा
  3. परिवारिक शब्द क्या होते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

  4. यौगिक शब्दों के प्रकारों का वर्णन कीजिए।

  5. समासिक शब्द और प्रत्यययुक्त शब्द में अंतर स्पष्ट कीजिए।

  6. निम्नलिखित शब्दों का वर्गीकरण कीजिए:

    • बालक, तीव्र, गाना, पर, और, वाह

उत्तर:

  1. शब्द-विचार की परिभाषा:शब्द-विचार शब्दों के निर्माण, उनके अर्थ, प्रकार और उनके विभिन्न रूपों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया है। यह भाषा की संरचना और शब्दों के प्रयोग को समझने में सहायक है।

  2. शब्दों के प्रकार:

    • जल: रूढ़ शब्द
    • खेलकूद: यौगिक शब्द (प्रत्यययुक्त)
    • पुस्तकालय: यौगिक शब्द (समासिक)
    • आकाशगंगा: यौगिक शब्द (समासिक)
  3. परिवारिक शब्द:परिवारिक शब्द वे होते हैं, जो एक ही मूल शब्द से बने होते हैं और आपस में संबंधित होते हैं। उदाहरण:

    • मूल शब्द: जल
      • जलाशय: जल का संग्रह करने का स्थान
      • जलपान: जल के साथ लिया गया हल्का भोजन
      • जलधारा: जल की धारा
      • जलजीवन: जल में रहने वाले जीवों का जीवन
  4. यौगिक शब्दों के प्रकार: यौगिक शब्द मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

    • समासिक शब्द: दो या दो से अधिक शब्दों के समास (संयोग) से बनते हैं। उदाहरण: बालक+क्रीड़ा = बालक्रीड़ा
    • प्रत्यययुक्त शब्द: मूल शब्द में प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं। उदाहरण: खेल+कूद = खेलकूद
  5. समासिक शब्द और प्रत्यययुक्त शब्द में अंतर:

    • समासिक शब्द: यह दो या दो से अधिक शब्दों के संयोग से बनता है और इसमें अर्थ का संक्षेपण होता है। उदाहरण: आकाश+गंगा = आकाशगंगा
    • प्रत्यययुक्त शब्द: यह मूल शब्द में प्रत्यय जोड़ने से बनता है, जिससे नए शब्द की उत्पत्ति होती है। उदाहरण: खेल+कूद = खेलकूद
  6. शब्दों का वर्गीकरण:

    • बालक: संज्ञा
    • तीव्र: विशेषण
    • गाना: क्रिया
    • पर: संबंधबोधक
    • और: समुच्चय बोधक
    • वाह: विस्मयादिबोधक

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  • उपसर्ग
  • प्रत्यय
  • संधि
  • समास
  • तत्सम-तट्भव
  • देशज-विदेशज
  • विलोम-शब्द
  • पर्यावाची-शब्द
  • मुहावरे
  • लोकोक्तियां
  • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  • एकार्थक शब्द
  • एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द
  • त्रुटिसम भिन्नार्थक शब्द
  • युग्म शब्द
  • रस
  • छन्द
  • अलंकार
  • अनुच्छेद-लेखन
  • अपठित-गद्यांश