अव्यय - परिभाषा, भेद, पहचान और उदाहरण

अव्यय (अव्यय शब्दों) का हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण स्थान है। अव्यय वे शब्द होते हैं जो किसी भी रूप में परिवर्तन नहीं करते हैं और वाक्य में अन्य शब्दों के साथ जुड़कर उनके अर्थ को स्पष्ट करते हैं। इनका प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या क्रिया के साथ मिलकर किया जाता है।

अव्यय की परिभाषा

अव्यय का शाब्दिक अर्थ है - "जो नहीं बदलता"। व्याकरण के संदर्भ में, अव्यय वे शब्द हैं जो किसी भी लिंग, वचन, कारक, काल या पुरुष में परिवर्तन नहीं करते।

अव्यय के प्रकार

  1. क्रिया-विशेषण अव्यय (Adverbial Particles)

  2. समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunctions)

  3. पूर्वबोधक अव्यय (Prepositions)

  4. निपात अव्यय (Interjections)

  5. विस्मयादिबोधक अव्यय (Exclamations)

  6. संबंधबोधक अव्यय (Relative Adverbs)


1. क्रिया-विशेषण अव्यय (Adverbial Particles)

क्रिया-विशेषण अव्यय वे अव्यय शब्द होते हैं जो किसी क्रिया के बारे में अधिक जानकारी देते हैं, अर्थात वे यह बताते हैं कि क्रिया कैसे, कब, कहाँ, कितने समय तक या किस प्रकार की हो रही है।

उदाहरण:

 क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद:


1. कालवाचक क्रिया-विशेषण (Adverbs of Time)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो क्रिया के समय को दर्शाते हैं, अर्थात क्रिया कब हो रही है। उदाहरण:

2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण (Adverbs of Place)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो क्रिया के स्थान को दर्शाते हैं, अर्थात क्रिया कहाँ हो रही है। उदाहरण:

3. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण (Adverbs of Manner)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो क्रिया के तरीके या ढंग को दर्शाते हैं, अर्थात क्रिया कैसे हो रही है। उदाहरण:

4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण (Adverbs of Quantity)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो क्रिया की मात्रा या परिमाण को दर्शाते हैं, अर्थात क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है। उदाहरण:

5. संबंधवाचक क्रिया-विशेषण (Relative Adverbs)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो संबंध को दर्शाते हैं, अर्थात किसी क्रिया या वाक्यांश के साथ संबंध स्थापित करते हैं। उदाहरण:

6. प्रश्नवाचक क्रिया-विशेषण (Interrogative Adverbs)

परिभाषा: ये वे अव्यय हैं जो प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग होते हैं और क्रिया के समय, स्थान, रीति या परिमाण के बारे में पूछते हैं। उदाहरण:

2. समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunctions)

समुच्चयबोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक वाक्यों, वाक्यांशों, या शब्दों को जोड़ने का कार्य करते हैं। ये अव्यय वाक्यों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करते हैं और वाक्य की संरचना को सरल और संगठित बनाते हैं।

उदाहरण:

समुच्चयबोधक अव्यय के भेद:

समुच्चयबोधक अव्ययों को उनके प्रयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

1. संयोजक समुच्चयबोधक (Coordinating Conjunctions)

परिभाषा: ये अव्यय समान महत्व के शब्दों, वाक्यांशों, या वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण:

2. अपेक्षार्थक समुच्चयबोधक (Subordinating Conjunctions)

परिभाषा: ये अव्यय एक प्रमुख वाक्य को एक गौण वाक्य से जोड़ते हैं, जो मुख्य वाक्य पर निर्भर होता है। उदाहरण:

3. द्वंद्व समुच्चयबोधक (Correlative Conjunctions)

परिभाषा: ये अव्यय जोड़ों में आते हैं और वाक्यों या वाक्यांशों के बीच द्वंद्व संबंध स्थापित करते हैं। उदाहरण:

4. विकल्प समुच्चयबोधक (Alternative Conjunctions)

परिभाषा: ये अव्यय विकल्प या चयन का संकेत देते हैं। उदाहरण:

5. परिणामवाचक समुच्चयबोधक (Conjunctive Adverbs)

परिभाषा: ये अव्यय किसी घटना का परिणाम या प्रभाव बताते हैं। उदाहरण:

ये वे अव्यय हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयोग किए जाते हैं और उनके साथ अन्य शब्दों का संबंध बताते हैं। उदाहरण:

3. पूर्वबोधक अव्यय (Prepositions)

पूर्वबोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो संज्ञा, सर्वनाम या वाक्यांश के साथ प्रयोग होकर उनके साथ अन्य शब्दों का संबंध स्पष्ट करते हैं। ये अव्यय स्थान, समय, कारण, उद्देश्य आदि के बारे में जानकारी देते हैं।

उदाहरण:

पूर्वबोधक अव्यय के भेद:

पूर्वबोधक अव्ययों को उनके प्रयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

1. स्थानवाचक पूर्वबोधक (Prepositions of Place)

परिभाषा: ये अव्यय स्थान या स्थिति को दर्शाते हैं। उदाहरण:

2. समयवाचक पूर्वबोधक (Prepositions of Time)

परिभाषा: ये अव्यय समय या काल को दर्शाते हैं। उदाहरण:

3. कारणवाचक पूर्वबोधक (Prepositions of Reason)

परिभाषा: ये अव्यय कारण या उद्देश्य को दर्शाते हैं। उदाहरण:

4. दिशा वाचक पूर्वबोधक (Prepositions of Direction)

परिभाषा: ये अव्यय दिशा को दर्शाते हैं। उदाहरण:

5. साधनवाचक पूर्वबोधक (Prepositions of Means)

परिभाषा: ये अव्यय साधन या उपकरण को दर्शाते हैं। उदाहरण:


4. निपात अव्यय (Interjections)

किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात अव्यय कहते है। जैसे- भी , तो , तक , केवल , ही , मात्र आदि निपात अव्यय शब्द हैं।

उदाहरण के लिए-


निपात अव्यय के नौ भेद या वर्ग हैं:

  1. स्वीकृतिबोधक निपात अव्यय - इन अव्ययों से स्वीकार, स्वीकृति या सहमति का अभिव्यक्ति होता है। उदाहरण: हा, जी, हाँ।
  2. नकारबोधक निपात अव्यय - इन अव्ययों से अस्वीकृति या नकारात्मक भावना का अभिव्यक्ति होता है। उदाहरण: जी नहीं, नहीं।
  3. निषेधबोधक निपात अव्यय - इस अव्यय से किसी कार्य के विरोध में संदेश दिया जाता है। उदाहरण: मत।
  4. प्रश्नबोधक निपात अव्यय -इन अव्ययों से प्रश्न पूछने की भावना व्यक्त की जाती है। उदाहरण: क्या।
  5. विस्मयबोधक निपात अव्यय - इन अव्ययों से आश्चर्य या अचंभितता का अभिव्यक्ति होता है। उदाहरण: क्या, काश।
  6. तुलनाबोधक निपात अव्यय - इस अव्यय से दो वस्तुओं के मध्य में तुलना की भावना व्यक्त की जाती है। उदाहरण: सा।
  7. अवधारणाबोधक निपात अव्यय - इन अव्ययों से समय, स्थान या मात्रा का अभिव्यक्ति होता है। उदाहरण: ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन।
  8. आदरबोधक निपात अव्यय - इस अव्यय से सम्मान या आदर की भावना व्यक्त की जाती है। उदाहरण: जी।
  9. बल प्रदायकबोधक निपात अव्यय - इन अव्ययों से प्रभाव या शक्ति की भावना व्यक्त की जाती है। उदाहरण: तो, ही, भी, तक, भर, सिर्फ, केवल।

5. विस्मयादिबोधक अव्यय (Exclamations)

परिभाषा:

विस्मयादिबोधक अव्यय वे शब्द हैं जिनसे आश्चर्य, अचंभा, या विस्मय की भावना को व्यक्त किया जाता है। ये अव्यय उस समय प्रयुक्त होते हैं जब कोई अनुपातिक घटना, अज्ञात या अप्रत्याशित स्थिति होती है।

उदाहरण:


विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद

विस्मयादिबोधक अव्यय के 11 भेद इस प्रकार हैं:

  1. शोकबोधक अव्यय: इन अव्ययों से शोक या दुःख की भावना को व्यक्त किया जाता है। उदाहरण: हे राम!, त्राहि – त्राहि!
  2. तिरस्कारबोधक अव्यय: इन अव्ययों से तिरस्कार या अपमान की भावना व्यक्त की जाती है। उदाहरण: छि!, धिक्कार!
  3. स्वीकृतिबोधक अव्यय: इन अव्ययों से स्वीकृति या सहमति की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: अच्छा!, हाँ!
  4. विस्मयादिबोधक अव्यय: इन अव्ययों से आश्चर्य या विस्मय की भावना को व्यक्त किया जाता है। उदाहरण: अरे!, क्या!
  5. संबोधनबोधक अव्यय: इन अव्ययों से संबोधन की भावना व्यक्त होती है। उदाहरण: हो!, अरे!
  6. हर्षबोधक अव्यय: इन अव्ययों से हर्ष या उत्साह की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: वाह-वाह!, धन्य!
  7. भयबोधक अव्यय: इन अव्ययों से भय या डर की भावना व्यक्त होती है। उदाहरण: हाय!, त्राहि – त्राहि!
  8. आशीर्वादबोधक अव्यय: इन अव्ययों से आशीर्वाद की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: जीते रहो!
  9. अनुमोदनबोधक अव्यय: इन अव्ययों से सहमति या अनुमोदन की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: हाँ, अवश्य!
  10. विदासबोधक अव्यय: इन अव्ययों से विदा की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: अच्छा, टा-टा!
  11. विवशताबोधक अव्यय: इन अव्ययों से अवश्यकता या आवश्यकता की भावना प्रकट होती है। उदाहरण: काश!, कदाचित्!

6. संबंधबोधक अव्यय (Relative Adverbs)

परिभाषा:

संबंधबोधक अव्यय वे शब्द हैं जो विशेष रूप से किसी स्थान, समय, या कारण के संदर्भ में संबंध दिखाते हैं। इनका प्रयोग संबंधपूर्ण वाक्य बनाने में होता है।

उदाहरण:


संबंधबोधक अव्यय के भेद

संबंधबोधक अव्यय के 12 भेद इस प्रकार हैं:

  1. स्थानवाचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, बीच, आगे, पीछे, सामने, निकट आते हैं वहाँ पर स्थानवाचक संबंधबोधक होते हैं। उदाहरण: मेरे घर के सामने बगीचा है।
  2. दिशावाचक संबंधबोधक अव्यय-जो अव्यय शब्द दिशा का बोध कराते हैं उन्हें दिशावाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर निकट, समीप, ओर, सामने, तरफ, प्रति आते हैं वहाँ पर दिशावाचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: परिवार की तरफ देखो कि कितने भले हैं।
  3. कालवाचक संबंधबोधक अव्यय- जिन अव्यय से समय का पता चलता है उन्हें कालवाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर पहले, बाद, आगे, पीछे, पश्चात, उपरांत आते हैं वहाँ पर कालवाचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: राम के बाद कोई अवतार नहीं हुआ।
  4. साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द किसी साधन का बोध कराते हैं उन्हें साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर निमित्त, द्वारा, जरिये, सहा, माध्यम, मार्फत आते हैं वहाँ पर साधनवाचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: वह मित्र के सहारे ही पास हो जाता है।
  5. कारणवाचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द किसी कारण का बोध कराते हैं उन्हें कारणवाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर कारण, हेतु, वास्ते, निमित्त, खातिर आते हैं वहाँ पर कारणवाचक संबंधबोधक होता है।
  6. सीमावाचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द सीमा का बोध कराते हैं उन्हें सीमावाचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर तक, पर्यन्त, भर, मात्र आते हैं वहाँ पर सीमावाचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: समुद्र पर्यन्त यह पृथ्वी तुम्हारी है।
  7. विरोधसूचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द प्रतिकूलता या विरोध का बोध कराते हैं उन्हें विरोधसूचक अव्यय संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर उल्टे, विरुद्ध, प्रतिकूल, विपरीत आते हैं वहाँ पर विरोधसूचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: आतंकवादी कानून के विरुद्ध लड़ते हैं।
  8. समतासूचक संबंधबोधक अव्यय- जो अव्यय शब्द समानता का बोध कराते हैं उन्हें समतासूचक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जहाँ पर अनुसार, सामान्य, तुल्य, तरह, सदृश, समान, जैसा, वैसा आते हैं वहाँ पर समतावाचक संबंधबोधक होता है। उदाहरण: मानसी के समान मीरा भी सुंदर है।
  9. हेतुवाचक संबंधबोधक अव्यय- जहाँ पर रहित, अथवा, सिवा, अतिरिक्त आते है वहाँ पर हेतुवाचक संबंधबोधक अव्यय होता है।
  10. सहचरसूचक संबंधबोधक अव्यय- जहाँ पर समेत, संग, साथ आते हैं वहाँ पर सहचरसूचक संबंधबोधक अव्यय होता है।
  11. विषयवाचक संबंधबोधक अव्यय- जहाँ पर विषय, बाबत, लेख आते हैं वहाँ पर विषयवाचक संबंधबोधक अव्यय होता है।
  12. संग्रहवाचक संबंधबोधक अव्यय- जहाँ पर समेत, भर, तक आते हैं वहाँ पर संग्रवाचक संबंधबोधक अव्यय होता है।

अव्यय का प्रयोग

अव्यय का प्रयोग वाक्य में अनेक प्रकार से किया जाता है। यह शब्द वाक्य के अन्य भागों का विवरण देते हैं जैसे कि कहाँ, कब, कैसे, क्यों, और किस तरह से कुछ हुआ। यहां कुछ उदाहरण हैं अव्यय के प्रयोग के लिए:

  1. स्थानवाचक अव्यय: राम घर से बाहर गया।

    • यहाँ "बाहर" शब्द स्थानवाचक अव्यय है, जो बताता है कि राम ने अपने घर से किस दिशा में गया।
  2. कालवाचक अव्यय:वह कल स्कूल जाएगा।

    • "कल" शब्द यहाँ काल का बोध कराता है, जिससे पता चलता है कि वह व्यक्ति कब स्कूल जाएगा।
  3. कारणवाचक अव्यय:मैंने बुखार के कारण अस्पताल जाना पड़ा।

    • "कारण" शब्द यहाँ कारण का बोध कराता है, जिससे बताता है कि अस्पताल जाने की वजह क्या थी।
  4. समतासूचक अव्यय: वे बहुत ही समय से दोस्त हैं।

    • "ही" शब्द यहाँ समता का बोध कराता है, जिससे दर्शाया जाता है कि उन्होंने कितनी लंबी दोस्ती निभाई है।
  5. दिशावाचक अव्यय: वे उस ओर देख रहे थे।

    • "उस ओर" शब्द दिशा का बोध कराता है, जिससे बताता है कि वे किस दिशा में देख रहे थे।

अभ्यास प्रश्न


  1. स्थानवाचक अव्यय के उदाहरण दीजिए।

  2. दिशावाचक अव्यय के कुछ उपयुक्त शब्द लिखिए।

  3. कालवाचक अव्यय का प्रयोग वाक्य में करें।

  4. साधनवाचक अव्यय के उदाहरण दीजिए।

  5. कारणवाचक अव्यय के वाक्य में इस्तेमाल कीजिए।

  6. समतासूचक अव्यय के कुछ उदाहरण दें।

  7. विरोधसूचक अव्यय का प्रयोग करें।

  8. हेतुवाचक अव्यय के वाक्य में इस्तेमाल कीजिए।

  9. सहचरसूचक अव्यय के उदाहरण लिखें।

  10. विषयवाचक अव्यय के वाक्य में इस्तेमाल कीजिए।

  11. संग्रहवाचक अव्यय के उदाहरण दीजिए।

यहाँ उत्तर दिए गए प्रश्नों के अनुसार अव्ययों के उदाहरण दिए जा रहे हैं:

  1. स्थानवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसके घर के बाहर एक बड़ा बगीचा है।
    • स्कूल के ऊपर एक छत है।
    • तालाब के पास एक वृक्ष था।
  2. दिशावाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसे बालक अपनी तरफ देख रहा था।
    • अगले कमरे में कोई बैठा हुआ था।
    • मुझे तुम्हारे पास कहीं जाना है।
  3. कालवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसने पहले अपना काम पूरा कर लिया।
    • बाद में वह फिर से आ गया।
    • उसके बाद हम सब खुश हो गए।
  4. साधनवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसने उस खुशी को अपने द्वारा प्राप्त किया।
    • उसे मेरे माध्यम से उसने सीखी थी।
    • तुम्हारे सहारे ही उसने यह काम किया था।
  5. कारणवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसके लिए यह कारण बहुत बड़ा था।
    • हमारे निमित्त से वह यहाँ आया था।
    • मेरे खातिर वह इतना करता है।
  6. समतासूचक अव्यय के उदाहरण:

    • मेरे अनुसार, वह बहुत बुद्धिमान है।
    • उसका खाने का तरीका वैसा ही है जैसा मेरा।
    • उसके तुल्य और कोई नहीं हैं।
  7. विरोधसूचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसने उसके खिलाफ बोल दिया।
    • वह उसके प्रतिकूल विचार रखता है।
    • उसकी विपरीत मतलब समझना मुश्किल है।
  8. हेतुवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसने उसके बगल में बैठा हुआ था।
    • उसके बिना वहाँ कुछ भी नहीं हो पाता।
    • मेरे अतिरिक्त उसका कोई भी साथी नहीं था।
  9. सहचरसूचक अव्यय के उदाहरण:

    • उन्होंने उसके साथ मिलकर काम किया।
    • हम सब समेत वहाँ पहुँचे थे।
    • उसके संग उसका काम करना बहुत आसान हो गया।
  10. विषयवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • उसके बारे में हमें कुछ नहीं पता है।
    • मुझे इस बाबत कोई जानकारी नहीं है।
    • उसके लेख पर हमने कुछ सोचा था।
  11. संग्रहवाचक अव्यय के उदाहरण:

    • वह सब संग एक साथ खड़े थे।
    • उसके संग्रह के अनुसार यह संभव है।
    • हमें उसके संग्रह से कुछ सिखने को मिला।

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